Advertisement

कानून मंत्री से हुआ कौन सा सवाल कि सभापति को देना पड़ा दखल, बोले- इसे दूर रखा जाना चाहिए

राज्यसभा में गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट में जस्टिस गौरी विक्टोरिया की नियुक्ति का मुद्दा उठा तो वहीं कानून मंत्री की ओर से सीजेआई को लिखी गई चिट्ठी पर भी सवाल हुए. एक बार तो जगदीप धनखड़ को भी सवाल उठाने वाले सदस्य को ये नसीहत देनी पड़ी कि इस मुद्दे को दूर रखा जाना चाहिए.

किरन रिजिजू किरन रिजिजू
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

जस्टिस विक्टोरिया गौरी की मद्रास हाईकोर्ट में नियुक्ति और कानून मंत्री की ओर से जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार के प्रतिनिधि को शामिल करने के लिए चिट्ठी लिखने का मसला भी गुरुवार को संसद में उठा. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने जस्टिस गौरी की नियुक्ति पर सवाल उठाए. कानून मंत्री किरन रिजिजू ने सदन में इन सवालों के जवाब दिए.

Advertisement

कानू मंत्री किरन रिजिजू ने जवाहर सरकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मतभेद लोकतंत्र का हिस्सा है और इसे दूर करने के भी तरीके हैं. उन्होंने कहा कि जजों की नियुक्ति को लेकर न्यायपालिका के साथ कुछ मतभेद हैं. कानून मंत्री ने विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को लेकर उठते सवाल खारिज किए और कहा कि उनकी नियुक्ति एक प्रक्रिया के तहत की गई है.

जवाहर सरकार के सवाल पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की जब बात आती है तो उसे लकर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पहले ही आ चुका है. इस मुद्दे को दूर रखा जाना चाहिए. राज्यसभा के सभापति ने ये भी कहा कि इस पर सुप्रीम कोर्ट में पहले ही विचार हो चुका है और राष्ट्रपति ने नियुक्ति वारंट जारी किया है.

Advertisement

सभापति धनखड़ ने ये भी कहा कि आप ऐसे व्यक्ति की बात कर रहे हैं जो सदन का सदस्य नहीं है. इसके बाद कानून मंत्री ने भी कहा कि जब हम इस सदन में बोलते हैं तब संवेदनशील मामलों का ध्यान रखना होता है. उन्होंने टीएमसी सांसद की ओर इशारा करते हुए कहा कि माननीय सदस्य ब्यूरोक्रेट रहे हैं, इनको मर्यादा का ज्ञान होगा. इसके बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कानून मंत्री की ओर से सीजेआई को लिखी गई चिट्ठी को लेकर सवाल किया.

कानून मंत्री ने सदन में बताया कि उन्होंने सीजेआई को चिट्ठी लिखी थी. ये संवेदनशील मामला है. अखबारों से हवाले से ऐसे विषय पर सदन में चर्चा नहीं करनी चाहिए. कानून मंत्री ने एक सवाल के जवाब में देशभर के हाईकोर्ट्स में 210 जजों के पद रिक्त होने जानकारी दी और कहा कि इन पर नियुक्ति के लिए हमें कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए जब तीन सदस्यीय कॉलेजियम की ओर से प्रस्ताव मिलेगा, तब हम विचार करेंगे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement