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Haryana : किसान महापंचायत में गरजे किसान, कहा-'सरकार ने नहीं मानी मांग तो 17 जनवरी से गन्ना की छिलाई बंद'

मंगलवार को भीषण सर्दी में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के बैनर तले नई अनाजमंडी में किसानों की प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत हुई. किसान महापंचायत में किसानों ने सरकार के खिलाफ बिगुल बजाते हुए आह्वान किया कि जब तक प्रदेश सरकार गन्ना के रेट नहीं बढ़ाती, तब तक किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.

करनाल में किसान महापंचायत. करनाल में किसान महापंचायत.
aajtak.in
  • करनाल,
  • 11 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:13 AM IST

हरियाणा के करनाल में मंगलवार को भीषण सर्दी में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के बैनर तले नई अनाजमंडी में किसानों की प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत हुई. किसान महापंचायत में किसानों ने सरकार के खिलाफ बिगुल बजाते हुए आह्वान किया कि जब तक प्रदेश सरकार गन्ना के रेट नहीं बढ़ाती, तब तक किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.

हालांकि, दोपहर बाद किसान प्रतिनिधियों ओर जिला प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में फैसला हुआ कि किसान प्रतिनिधि आगामी 16 जनवरी को होने गन्ना के रेट बढ़ाने को लेकर बनाई गई विधायकों की कमेटी समक्ष अपनी बातचीत रखेंगे.

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इसके बाद किसान महापंचायत समाप्त हो गई,लेकिन किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि अगर सरकार गन्ना के रेट नहीं बढ़ाती तो किसान 17 जनवरी के बाद गन्ना की छिलाई बंद कर मिलों में गन्ना भेजना बंद कर देंगे. यहीं नहीं फिर भी सरकार गन्ना के रेट नहीं बढ़ाती को 20 जनवरी को प्रदेश के शुगर मिलों में तालाबंदी कर देंगे.

किसान नेता गुरनाम सिह चढूनी ने कहा 16 जनवरी को किसानों का शिष्ट मंडल सरकार द्वारा बनाई गई विधायको की गन्ने का रेट बढ़ाने वाली कमेटी से बातचीत करेगा. अगर 16 जनवरी की मीटिंग में सरकार मांग नहीं मानती तो 17 जनवरी को गन्ने की छिलाई बन्द देंगे ओर  20 जनवरी से हरियाणा की सभी शुगर मिल को किसान ताले लगाएंगे.

डीसी अनीश यादव ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों ओर प्रशासन के बीच बातचीत हुई है. 6 जनवरी को गन्ना के रेट बढ़ाने को लेकर सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी के साथ किसान प्रतिनिधियों की बातचीत होगी. बातचीत के बाद विधायकों के नेतृत्व में बनी कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार के पास भेजेगी. जिस पर सरकार फैसला लेगी.

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महापंचायत में मौजूद किसान.

किसान महापंचायत देख प्रशासन में मचा हड़कंप

किसानों की महापंचायत में बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनता देख जिला प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया.मंच से यूनियन प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान कर दिया कि किसान महांपचायत में कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा. किसानों को जब तक गन्ना के उचित रेट नहीं मिलता, तब तक आंदोलन चलता रहेगा.

किसान महापंचायत के किसानों के रुख देखते हुए डीसी ने किसान प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में बुलाया, जहां पर एसडीएम, डीसी और गुरनाम सिंह चढूनी के बीतचीत चली.

किसान नेता ने कहा- सरकार किसानों की मांगों को कर रही अनदेखा

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान गन्ना के रेट बढ़ाए जाने की मांग को लेकर लगातार सरकार के समक्ष आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है. सरकार का किसानों की गन्ना वृद्धि की मांग की अनदेखी करने के खिलाफ महांपचायत बुलाने का आह्वान किया था.

साथ ही उन्होंने कहा कि किसान महापंचायत में भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं, किसान महा पंचायत में कोई न कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बीच महापंचायत में प्रशासन की तरफ से संदेश आया है कि बैठकर बातचीत से कोई रास्ता निकाला जाएगा. अब क्या बातचीत होती है, उसके बाद ही कुछ बताया जाएगा.

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किसान नेता गुरनाम सिंह ने का यह है कहना

करनाल में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने कहा कि किसान 450 रुपए प्रति क्विंटल गन्ने के रेट की मांग कर रहे हैं. फिलहाल हरियाणा में गन्ने का रेट 362 रुपए प्रति क्विंटल है. हालांकि हरियाणा सरकार के पास किसानों के गन्ने की राशि बकाया नहीं है. किसानों का कहना हर बार सरकार गन्ने का रेट बढ़ाती रही है. मगर, इस बार रेट में वृद्धि नहीं हुई है.

वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह से पूछा गया कि राहुल गांधी के साथ काफी किसान नेता यात्रा में शामिल हैं. इस पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज हम सब किसान गन्ना के रेट वृद्धि को लेकर एकत्रित हुए हैं. राहुल गांधी की यात्रा के बारे में बाद में बातचीत करेंगे. किसान नेता ने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती तो किसान बड़ा आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे.

(रिपोर्ट- कमल दीप) 

 

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