Advertisement

किसान ट्रस्ट ने आयोजित किया पहला अपराजिता सम्मान समारोह, मनाया महिलाओं की क्षमता और प्रगति का जश्न

साहिरा सिंह के नेतृत्व में आयोजित सत्र शाम के सबसे शक्तिशाली पलों से एक रहा, जिसनें एसिड अटैक से उबर कर जीत हासिल करने वाली महिलाओं को समर्थन देने पर फोकस किया गया. इन बहादुर महिलाओं ने शारीरिक, भावनात्मक एवं सामाजिक चुनौतियों के बावजूद अपने जीवन को नई राह दी है. किसान ट्रस्ट ने इन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की. डॉ मल्लिका नड्डा ने उन्हें चैक सौंपे.

किसान ट्रस्ट ने आयोजित किया पहला अपराजिता सम्मान समारोह किसान ट्रस्ट ने आयोजित किया पहला अपराजिता सम्मान समारोह
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किसान ट्रस्ट ने पहले अपराजिता सम्मान समारोह के आयोजन के साथ महिलाओं की प्रत्यास्थता, प्रगति एवं सशक्तीकरण का जश्न मनाया. यह आयोजन उन महिलाओं के कल्याण और लिंग समानता के लिए ट्रस्ट की प्रतिबद्धता को दिखाता है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयास कर रही हैं. 

कार्यक्रम में स्पेशल ओलंपिक्स भारत की प्रेजिडेंट एवं एशिया पेसिफिक अडवाइजरी काउंसिल की चेयरपर्सन डॉ मल्लिका नड्डा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. कार्यक्रम के दौरान सामाजिक न्याय, महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण विकास की दिशा में ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की गई. इस आयोजन ने प्रेरक कहानियों और विचार-विमर्श के लिए महत्वपूर्ण मंच की भूमिका निभाई. 

Advertisement

एसिड अटैक से उबरी महिलाओं का सशक्तीकरण

साहिरा सिंह के नेतृत्व में आयोजित सत्र शाम के सबसे शक्तिशाली पलों से एक रहा, जिसनें एसिड अटैक से उबर कर जीत हासिल करने वाली महिलाओं को समर्थन देने पर फोकस किया गया. इन बहादुर महिलाओं ने शारीरिक, भावनात्मक एवं सामाजिक चुनौतियों के बावजूद अपने जीवन को नई राह दी है. किसान ट्रस्ट ने इन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की. डॉ मल्लिका नड्डा ने उन्हें चैक सौंपे.

उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए महिला सशक्तीकरण बेहद जरूरी है. उन्होंने महिलाओं के लिए एक समान अवसरों, वित्तीय समावेशन तथा नीतिगत बदलावों की बात कही. साथ ही एक ऐसा माहौल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया जहां महिलाएं सही मायनों में विकसित हो सकें. 

Advertisement

उन्होंने कहा, 'यह देखकर बेहद खुशी होती है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की महिलाएं इस तरह आगे बढ़कर आत्मनिर्भर भारत की भावना को साकार कर रही हैं. महिलाओं को परिवार, समाज और देश में अपनी भूमिका को समझना चाहिए. हमारे प्रधानमंत्री हमेशा महिला-उन्मुख विकास के पक्ष में रहे हैं और आज हम इसी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. महिलाएं एक दूसरे के कल्याण के लिए सहयोग प्रदान करती हैं, तब वे परिवर्तन की नई लहरों को जन्म देती हैं. उनकी दृढ़ता की कोई सीमा नहीं है. उनकी उपलब्धियां पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं.'

'हर महिला की जरूरतें, मुद्दे और संघर्ष एक जैसे'

अपने संबोधन के दौरान किसान ट्रस्ट की ट्रस्टी चारू सिंह ने समावेशी बातचीत के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने अलग-अलग बैकग्राउंड से आई महिलाओं के साथ अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा, 'इस तरह की पैनल चर्चाएं और बातचीत अक्सर बड़े शहरों तक ही सीमित होती है और ज्यादातर मामलों में ऐसी चर्चाएं अंग्रेजी भाषा में की जाती हैं. लेकिन वास्तविकता तो यह है कि महिलाएं चाहे शहर में रहें या गांव में, वे प्रोफेशनल कर्मचारी हों या गृहिणियां, हमारे जीवन में कई समानताएं हैं. हमारी जरूरतें, हमारे मुद्दे और हमारे संघर्ष एक जैसे हैं. ऐसे में जरूरी है हम साथ मिलकर काम करें, अपने विचारों और अनुभवों को साझा करें, अपने वर्तमान में सुधार लाएं और एक मजबूत भविष्य की ओर आगे बढ़ें.'

Advertisement

उन्होंने उम्मीद जताई कि अपराजिता सम्मान समारोह में होने वाली चर्चा समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी. चारू सिंह ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि इस मंच पर होने वाली चर्चा आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगी. हो सकता है कि इस विचार-विमर्श को सुनने के बाद आप अपने जीवन में कुछ बदलाव लाने के बारे में सोचें. यह सत्र निश्चित रूप से आपको आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत और रोल मॉडल बनने के लिए प्रेरित करेगा.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement