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सरकार और ट्रांसपोर्टरों के बीच हड़ताल खत्म होने पर ऐसे बनी बात, जानिए क्या रही दलीलें और किन मुद्दों को लेकर है विरोध

सरकार के आश्वासन के बाद 'हिट-एंड-रन' के नए कानून के खिलाफ हड़ताल कर रहे ट्रक ड्राइवरों ने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही कानून के बारे में निर्णय लिया जाएगा.

सरकार के आश्वासन के बाद खत्म हुई ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल सरकार के आश्वासन के बाद खत्म हुई ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

हिट एंड रन मामले में सख्त कानून के खिलाफ जारी ट्रक ड्राइवरों की देशव्यापी हड़ताल खत्म हो गई है. गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद ट्रांसपोर्टरों ने इसे खत्म करने का फैसला लिया. मंगलवार शाम को केंद्रीय गृहसचिव ने अजय भल्ला ने कहा कि फिलहाल कानून को लागू नहीं किया जाएगा. इस हड़ताल के खत्म होने से लोगों को बड़ी राहत मिली है क्योंकि इसकी वजह से कई राज्यों में सप्लाई चेन बुरी तरह बाधित हुई थी और कई जगहों पर पेट्रोल और डीजल की किल्लत हो गई थी.

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कैसे बनी सहमति

हड़ताल के बाद जब देशभर से लोगों की दिक्कतें बढ़ने लगी तो सरकार तुरंत हरकत में आई और गृह सचिव ने मंगलवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की अजय भल्ला ने कहा, ‘सरकार यह बताना चाहती है कि ये नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं. गृह सचिव अजय भल्ला ने बताया कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से दस साल की सजा वाले कानून पर चर्चा हुई. ये कानून अभी लागू नहीं हुआ है.उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता के मसले पर हमारी मुलाकात और बातचीत हुई, अब हमें कोई दिक्कत नहीं है. सारे मसलों का समाधान हो गया है. 

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने आंदोलनकारी ट्रक चालकों के प्रतिनिधिमंडल को यह भी आश्वासन दिया है कि वह हिट-एंड-रन मामलों से संबंधित एक नए दंड प्रावधान पर उनकी सभी चिंताओं पर ”खुले दिल” से विचार करने के लिए तैयार है.

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बैठक में क्या थी दोनों पक्षों की दलील
ट्रांसपोर्टर

  1. ट्रासपोर्टरों का मानना था कि कानून बेहद सख्त है इससे ट्रक ड्राइवर बुरी तरह प्रभावित होंगे.
  2. जानबूझकर कोई भी एक्सीडेंट नहीं करता है और मौके पर अगर ड्राइवर पीड़ित की मदद करने रुकता है तो भीड़ उसपर जानलेवा हमला कर सकती है.
  3. इस केस की वजह से कानूनी प्रक्रिया काफी लंबी और परेशान करने वाली हो सकती है. जो जुर्माना 7 लाख का है वो ट्रक ड्राइवर के लिए काफी ज्यादा है.
  4. कई बार कोहरे या मौसम संबंधी अन्य कारणों की वजह से भी एक्सीडेंट होते हैं.

सरकार की दलील

  1. इस कानून को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक बनाया है.
  2. यदि कोई हादसा होता है और मौके पर ही घायल की मदद की जाती है तो 80 फीसदी घायलों की जान बच जाती है. 
  3. वाहन चालक जिम्मेदार बनें और यदि उन्हें घटनास्थल पर हिंसा का डर है तो वह कुछ दूर जाकर पुलिस-प्रशासन को सूचना दे सकते हैं.
  4. सरकार ने दलील दी की इस कानून में पुलिसया मनमानी पर भी रोक के प्रावधान हैं.

हड़ताल से जनजीवन हुआ था बुरी तरह प्रभावित

मंगलवार को ट्रक चालकों के आंदोलन के कारण मध्य प्रदेश, दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात सहित देश के कुछ राज्यों में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा था.  इस दौरान ट्रक और बस चालक सड़कों से दूर रहे जबकि ईंधन की कमी की आशंका के बीच  कई शहरों में पेट्रोल पंप पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. चालकों के आंदोलन के कारण अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) और राजमार्गों पर भी लोग फंसे रहे. यूपी के मैनपुरी में तो पुलिस और ट्रक ड्राइवरों के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे.

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मंडरा रहा था सप्लाई चेन बाधित होने का खतरा

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि देश में 95 लाख ट्रक-टैंकर हैं. हड़ताल के बाद इनमें से 30 लाख से ज्यादा ट्रक-टैंकर की सेवाएं ठप हो गई थीं जिससे सप्लाई चेन बाधित होने का खतरा मंडरा गया था. अगर हड़ताल लंबी चलती तो राशन, दूध फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित होने का खतरा मंडरा जाता है जिससे इनके दाम भी बढ़ जाते. इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ता और दवाओं की भी किल्लत हो सकती थी. सरकार तुरंत हरकत में आई और बातचीत के जरिए मामले को सुलझा लिया गया.

क्या है नया हिट एंड रन कानून? 

केंद्र सरकार ने अपराध को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा जुर्माने का भी देना होगा. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 104(1) और धारा 104(2) में हिट एंड रन को परिभाषित किया गया है. धारा 104(2) कहती है, 'जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है, और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे दस वर्ष तक के कारावास की सजा होगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा.'

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क्या था पुराना कानून

अब तक आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), ड्राइवर की पहचान होने की स्थिति में 304A (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत एफआईआर होती थी. इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था. हालांकि इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था. यही वजह है कि अक्सर चालक हादसे के बाद वाहन लेकर या वाहन छोड़कर भाग जाते थे. 

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