
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर के आरोपी संजय रॉय का केस लड़ने वाली एडवोकेट कबिता सरकार का सियालदह कोर्ट के वकीलों ने विरोध किया. वकीलों ने कहा कि हम आरोपी संजय रॉय के पक्ष में लड़ने को लेकर एडवोकेट कबिता की स्वतंत्रता के बारे में कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हम इस कदम का विरोध करते हैं. हर वकील इस अपराध के पक्ष में लड़ने के लिए सहमत नहीं था, संजय रॉय ने जो किया है वह भयानक है. इसलिए हम इसका विरोध करेंगे और हम इस घटना के लिए न्याय की मांग करेंगे. हम ऐसी सजा की मांग करते हैं जो नजीर बने.
इस मामले की सुनवाई के दौरान वकीलों ने अदालत की बालकनी से विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की. वकीलों ने 'वी वॉन्ट जस्टिस' के नारे लगाए.
वहीं, आरोपी की वकील कबिता सरकार ने कहा कि वो चाहता है कि उसका पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके. उसका कहना है कि वो पूरी तरह से निर्दोष है. वो इस मामले की जांच कर रही सीबीआई को हर तरह से सहयोग देने के लिए तैयार है, ताकि असली अपराधी पकड़ा जा सके.
संजय रॉय की वकील कबिता सरकार ने आजतक से बातचीत में कहा कि जब संजय की पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति ली गई, तब मैं वहां मौजूद थी. उसने टेस्ट के लिए अपनी सहमति दे दी थी. मैंने उसे व्यक्तिगत रूप से समझाया कि पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है. इसके बाद वो सहमत हो गया. उसके अनुसार वो इस वक्त मानसिक रूप से बहुत दबाव में है, क्योंकि आरोप उस पर लगा है. वो चाहता है कि सच्चाई सामने आए.''
बकौल कबिता सरकार संजय रॉय का कहना है कि वो इस अपराध में शामिल नहीं है. इसलिए किसी भी तरह के टेस्ट के लिए तैयार है. इस मामले की सभी जांच में सहयोग करेगा. लेडी डॉक्टर के साथ हैवानियत करने के आरोपी संजय रॉय का यू-टर्न हैरान कर देने वाला है. क्योंकि गिरफ्तारी के बाद उसने खुद अपना गुनाह कबूल किया था. उस वक्त पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान उसने कहा था, "हां मैंने अपराध किया है, मुझे फांसी दे दो."
वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य सरकार द्वारा गठित SIT से सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया.