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'बेटी की आंखों से खून निकल रहा था, दोनों पैर...', लेडी डॉक्टर के साथ बर्बरता पर पिता और पड़ोसी ने बयां किया दर्द

लड़की के पिता ने सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से अपील की कि हमें न्याय दिलाने में मदद कीजिए, हमें आपसे और कुछ नहीं चाहिए. मेरी लड़की को अब कोई वापस नहीं लौटा सकता. न्याय मिलेगा तो उसकी आत्मा को भी शांति मिलेगी और हमारे भी दिल को तसल्ली मिलेगी.

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के विरोध में धरना देते रेजिडेंट डॉक्टर्स. (PTI Photo) कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के विरोध में धरना देते रेजिडेंट डॉक्टर्स. (PTI Photo)
aajtak.in
  • कोलकाता,
  • 13 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से 9 अगस्त की सुबह एक महिला जूनियर डॉक्टर (PGT) का शव बरामद हुआ था. पहले तो इसे आत्महत्या का मामला बताया गया, लेकिन बाद में लेडी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के प्रमाण मिले. इस घटना को लेकर बंगाल समेत पूरे देश के चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कोलकाता पुलिस ने इस मामले में एक संदिग्ध आरोपी, 33 वर्षीय संजय रॉय को गिरफ्तार किया है, जो सिविक वॉलंटियर है.

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हालांकि, कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने मंगलवार को जांच अपने हाथ में ले ली. रूह कंपा देने वाली इस घटना को समझने के लिए हमारे सहयोगी 'दी लल्लनटॉप' की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और पीड़ित परिवार व पड़ोसियों से बातचीत की. मृत लड़की के पिता ने बताया कि उन्हें फोन पर बताया गया कि आपकी बेटी ने खुदकुशी कर ली है. पुलिस अपनी ओर से इस केस को सॉल्व करने की पूरी कोशिश कर रही है.

लड़की के पिता ने कहा कि दीदी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) पर हमें पूरा भरोसा है. मेडिकल कॉलेज के जो छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें भी हमारा पूर्ण समर्थन है. सबलोग हम लोगों का दुख बांट रहे हैं, इसलिए हमारा दुख थोड़ा कम हो रहा है. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से अपील की कि हमें न्याय दिलाने में मदद कीजिए, हमें आपसे और कुछ नहीं चाहिए. मेरी लड़की को अब कोई वापस नहीं लौटा सकता. न्याय मिलेगा तो उसकी आत्मा को भी शांति मिलेगी और हमारे भी दिल को तसल्ली मिलेगी.

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मृत लड़की की एक महिला पड़ोसी ने 'दी लल्लनटॉप' से बातचीत में 9 अगस्त के अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा, 'करीब 10:30 बजे मेरी पड़ोसी (मृतक की मां) चीखते, बिलखते और रोते हुए मुझसे लिपटती है और कहती है कि सबकुछ खत्म हो गया. मैंने कहा क्या हो गया? उसने कहा कि मेरी लड़की ने सुसाइड कर लिया है ये खबर आई है हॉस्पिटल से. मैंने पूछा सुसाइड... कब, कैसे. उसने कहा कि उन्होंने यही बोला है. हम चार लोग, मैं, लड़की के माता-पिता और हमारे एक और साथी अस्पताल पहुंचे. वहां हमको तीन घंटे खड़े रखा.'

पड़ोसी महिला ने कहा, 'एक मां-बाप​ जिनकी 31 साल की बेटी ऐसे खत्म हो जाती है, उन्हें तीन घंटे तक खड़ा रखा गया. मां-बाप​ हाथ जोड़ते रहे, हमें एक बार दिखाओ... हमारी बच्ची का मुंह एक बार दिखाओ. हमको नहीं दिखाया गया. तीन घंटे बाद माता-पिता को सेमिनार हॉल में ले जाया गया. पिता ने अपने मोबाइल फोन में फोटो खींचके लाके मुझे दिखाया. उसके मुंह में खून था. चश्मे को कूचा गया था, जिससे आंखों से खून निकला था. शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था. पैर दोनों राइट एंगल में मिला. एक पांव बेड के एक तरफ और दूसरा पांव बेड के दूसरी तरफ ​था. जब तक पेल्विक गर्डल (Pelvic Girdle) नहीं टूटता है, पैर ऐसे नहीं हो सकते. गला घोंटकर उसे मारा गया.'

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मृत लड़की की पड़ोसी महिला ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से अनुरोध करती हूं, अगर उनतक मेरी बात पहुंच रही है तो इस मामले में पीड़ित परिवार के साथ न्याय होना चाहिए. मैंने जो कुछ भी कहा वह सच है. ये सारी बातें पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कही गई हैं. वह एक होनहार लड़की थी. उसने अपनी प्रतिभा से एग्जाम क्रैक किया और डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थी. एक अच्छी डॉक्टर बनने जा रही थी. 31 साल की उस लड़की के साथ इस तरह की घटना बहुत 
दुखदायी है.'

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