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बंगाल में NDA को झटका, GJM ने छोड़ा साथ, ममता संग चुनाव लड़ने का फैसला

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता ने यह भी कहा कि 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में हम तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करेंगे और बीजेपी को करारा जवाब देंगे. बिमल गुरुंग के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि उत्तरी बंगाल के पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 10 सीटों पर बीजेपी के वोटबैंक पर असर पड़ सकता है.

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग ने छोड़ा एनडीए (ANI) गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग ने छोड़ा एनडीए (ANI)
मनोज्ञा लोइवाल/इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 21 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:33 PM IST
  • 3 साल से फरार चल रहे थे बिमल गुरुंग
  • गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता हैं बिमल
  • 'बीजेपी ने वादा किया, उसे पूरा नहीं किया'

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली एनडीए को एक और झटका लगा है. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) के नेता बिमल गुरुंग, जो पिछले तीन सालों से फरार चल रहे थे, वह आज बुधवार को अचानक कोलकाता में दिखाई दिए और ऐलान किया कि वह एनडीए छोड़ रहे हैं और 2021 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रहे हैं.

बिमल गुरुंग कोलकाता के साल्ट लेक क्षेत्र में गोरखा भवन के बाहर देखे गए. वह यहां पहले गोरखा भवन के अंदर गए जहां बाहरी लोगों के लिए प्रवेश की अनुमति नहीं थी. इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने राज्य के लिए कुछ नहीं किया. गोरखालैंड को लेकर हमारी सारी मांगें पूरी नहीं की गईं. 

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बिमल गुरुंग ने भारतीय जनता पार्टी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा, 'बीजेपी ने जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया, लेकिन ममता बनर्जी ने अपने किए सभी वादों को पूरा किया. इसलिए मैं खुद को एनडीए से अलग करना चाहूंगा.'

बिमल गुरुंग पर राज्य के कलिम्पोंग पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड हमले और दार्जिलिंग के चौक बाजार क्षेत्र में 2017 में धमाका करने के संबंध में अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट UAPA के तहत आरोप लगाए गए थे और तब से वह फरार चल रहे थे.

'PM मोदी-शाह ने वादा पूरा नहीं किया'

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता ने आज प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग बंगाल में गोरखा के साथ किए गए वादों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं. उन्होंने साफ किया कि उनकी पार्टी ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है.

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बिमल गुरुंग ने कहा, 'बीजेपी ने कहा था कि वह दार्जिलिंग हिल्स के लिए एक स्थायी राजनीतिक समाधान खोजेगी और 11 गोरखा समुदायों को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देगी, लेकिन पार्टी अपना वादा निभाने में विफल रही.' उन्होंने यह भी कहा कि जीजेएम अभी भी गोरखालैंड को लेकर प्रतिबद्ध है और हम उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो 2024 के लोकसभा चुनावों में इस मुद्दे को उठाएगी.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में हम तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन करेंगे और बीजेपी को करारा जवाब देंगे. बिमल गुरुंग के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि उत्तरी बंगाल के पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 10 सीटों पर बीजेपी के वोटबैंक पर असर पड़ सकता है. बता दें कि इससे पहले एलजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.

TMC ने किया स्वागत

इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने बिमल गुरुंग के एनडीए से अलग होने के फैसले का स्वागत किया. तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि हम बिमल गुरुंग की शांति और निर्णय बनाए रखने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता तथा एनडीए से अलग होने के फैसले का स्वागत करते हैं. बीजेपी की गोरखालैंड के मुद्दे को क्षुद्र राजनीति और उनके झूठा स्वभाव के इस्तेमाल करने की कोशिश अब बंगाल के लोगों के सामने पूरी तरह से सामने आ गई है.

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उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि हिल्स में सिविल सोसाइटी के साथ राजनीतिक दलों और GTA समेत सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स क्षेत्र की शांति और समृद्धि के लिए हमारे साथ मिलकर काम करेंगे.

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