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कोलकाता कांड के आरोपी का होगा साइकोलॉजिकल टेस्ट, दिल्ली से पहुंची CFSL टीम

सीबीआई कोलकाता में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में आरोपी संजय राय का साइकोलॉजिकल टेस्ट करने का फैसला किया है. सीबीआई के अफसरों की मानें तो दिल्ली स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से मनोवैज्ञानिक की एक टीम आरोपी की जरूरी जांच करने के लिए कोलकाता पहुंच गई है.

कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर से दरिंदगी के देशभर के डॉक्टरों में आक्रोश है कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर से दरिंदगी के देशभर के डॉक्टरों में आक्रोश है
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:06 AM IST

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी का साइकोलॉजिकल टेस्ट किया जाएगा. इसके लिए दिल्ली से CFSL की टीम शनिवार को कोलकाता पहुंची. टीम आरोपी संजय रॉय का टेस्ट करेगी. इस टेस्ट के जरिए CBI की टीम आरोपी के बारे में जानने की कोशिश करेगी और उसकी मनोदशा को समझने का प्रयास किया जाएगा.

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सीबीआई कोलकाता में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में आरोपी संजय राय का साइकोलॉजिकल टेस्ट करने का फैसला किया है. सीबीआई के अफसरों की मानें तो दिल्ली स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से मनोवैज्ञानिक की एक टीम आरोपी की जरूरी जांच करने के लिए कोलकाता पहुंच गई है. यह टीम आरोपी संजय राय से पूछताछ करेगी और उसके मनोवैज्ञानिक पहलुओं की जांच करेगी. आरोपी संजय राय को कोलकाता पुलिस ने वारदात के दूसरे दिन ही टूटे हुए हेडफोन और सीसीटीवी से आरोपी की पहचान की और फिर संजय राय को गिरफ्तार किया था. आरोपी ने अपना गुनाह कबूल लिया है.

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर से दरिंदगी के बाद हत्या के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है. इसमें IMA ने लिखा है कि ''9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पोस्ट ग्रेजुएट छात्रा के साथ ड्यूटी के दौरान बेरहमी से रेप के बाद हत्या कर दी गई. इस घटना ने मेडिकल बिरादरी और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 15 अगस्त को अस्पताल में भीड़ ने तोड़फोड़ की, जिसमें घटनास्थल समेत अस्पताल के कई हिस्सों में तोड़फोड़ हुई. पेशे की प्रकृति के कारण डॉक्टर, विशेष रूप से महिला डॉक्टर हिंसा की चपेट में आती हैं. अस्पतालों और परिसरों के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अधिकारियों का काम है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना ने अस्पताल में हिंसा को सामने ला दिया है.''

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