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नदी के पानी के नीचे कैसे बनी है कोलकाता में सुरंग, समझिए देश की पहली Underwater मेट्रो की डिजाइन

यह देश की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो टनल है, जो हुगली नदी के दोनों छोर पर बसे दो शहरों को जोड़ेगी. 3.8 किलोमीटर की दो अंडरग्राउंड टनल तैयार की गई हैं, जिसमें 520 मीटर का हिस्सा पानी के नीचे है. पानी की सतह में ही Ventilation और Evacuation के शाफ्ट भी लगे हैं.  

"Revolutionary Kolkata Metro Line Crosses Under Hooghly River: Connecting Howrah Maidan to Esplanade!" "Revolutionary Kolkata Metro Line Crosses Under Hooghly River: Connecting Howrah Maidan to Esplanade!"
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोलकाता में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन किया. यह मेट्रो हुगली नदी में बनी सुरंग से होकर गुजरेगी. इस मेट्रो के जरिए नदी के दोनों सिरों पर बसे दो बड़े शहरों हावड़ा और कोलकाता को जोड़ा गया है.

यह अंडरवॉटर मेट्रो सर्विस कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन का हिस्सा है, जिसके तहत हुगली नदी के नीचे सुरंग से होते हुए 16.6 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा. इस मेट्रो लाइन पर 12 स्टेशन हैं, जिसमें से तीन स्टेशन हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन और महाकरण अंडरवाटर होंगे. अंडरवाटर की 520 मीटर की दूरी सिर्फ 45 सेकंड में की जा सकेगी.

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मेट्रो टनल की खासियत?

यह देश की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो टनल है, जो हुगली नदी के दोनों छोर पर बसे दो शहरों को जोड़ेगी. 3.8 किलोमीटर की दो अंडरग्राउंड टनल तैयार की गई हैं, जिसमें 520 मीटर का हिस्सा पानी के नीचे है. पानी की सतह में ही Ventilation और Evacuation के शाफ्ट भी लगे हैं.  

अंडरग्राउंड टनल लगभग 10.8 किलोमीटर लंबी है. इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है. ये सुरंग नदी की सतह से 13 मीटर नीचे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, अंडरवाटर मेट्रो में लोगों को 5G इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी. साथ ही ये भी कहा गया है कि टनल में पानी की एक बूंद भी नहीं आ सकती.

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ग्राफिक्सः नीलंजन दास.

पानी के नीचे कैसे तैयार की गई सुरंग?

पानी के भीतर सुरंग बनाने के लिए कंक्रीट को फ्लाई ऐश और माइक्रो-सिलिका के साथ डिजाइन किया गया है, जो इसे जलरोधी बनाता है. जमीन से 30 मीटर नीचे खुदाई करके हावड़ा मेट्रो स्टेशन तैयार किया गया. इस पूरी परियोजना की लागत लगभग 8,600 करोड़ रुपये है.

कोलकाता मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर 16.6 किलोमीटर लंबा है. अंडरवाटर ट्रेन सुरंग कोलकाता में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर तक फैली होगी. कोरोना महामारी के दौरान दो सालों के भीतर इस मेट्रो परियोजना के काम को पूरा किया गया.

इस टनल का इंटर्नल डायमीटर 5.55 मीटर और एक्सटर्नल डायमीटर 6.1 मीटर है. वहीं, ऊपर और नीचे 16.1 मीटर की दूरी है. टनल की अंदरूनी दीवारों को हाई क्वालिटी के M50 ग्रेड सीमेंट से बनाया गया है. हर एक सेगमेंट की मोटाई 275 मिमी है. टनल के अंदर पानी का फ्लो और लीकेज रोकने के लिए भी कई सुरक्षा उपाय किए गए हैं. इसके लिए सीमेंट में फ्लाई ऐश और माइक्रो सिलिका को सीमेंट में मिलाया गया है. किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भी इस टनल में उपाय किए गए हैं. इस टनल के अंदर 760 मीटर लंबा इमरजेंसी एग्जिट बनाया जा गया है.

कोलकाता में अंडरग्राउंड रेल टनल बनाने के लिए रूस की कंपनी Transtonnelstroy के साथ ज्वाइंट वेंचर किया गया. इस कंपनी को ईरान में अंडरवाटर सड़क तैयार करने का अनुभव है. इसी कंपनी ने कोलकाता में अंडरवाटर मेट्रो तैयार करने में मदद की.

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मेट्रो टनल का काम कब शुरू हुआ?

इस मेट्रो टनल का काम 2017 में शुरू हुआ था. इसके साथ ही हावड़ा मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन बन गया है. फरवरी 2020 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साल्ट लेक सेक्टर वी और साल्ट लेक स्टेडियम को जोड़ने वाले कोलकाता मेट्रो के पूर्व-पश्चिम मेट्रो कॉरिडोर के पहले चरण का उ‌द्घाटन किया था.

कैसे शुरू हुई अंडरग्राउंड टनल?

शोधकर्ताओं का कहना है कि सबसे पहले ब्रिटेन में अंडरवाटर रेल नेटवर्क तैयार किया गया था. 1921 में लंदन में पहली अंडरवाटर रेल लाइन तैयार की गई थी. कोलकाता की अंडरवाटर मेट्रो टनल में भी ब्रिटेन के इंजीनियर Harley Dalrymple-Hay की बड़ी भूमिका है. 

पीएम मोदी ने किया देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो सेवा का उद्घाटन

अंडरवाटर मेट्रो हुगली के पश्चिमी तट पर स्थित हावड़ा को पूर्वी तट पर साल्ट लेक शहर से जोड़ेगी. इसमें 6 स्टेशन होंगे, जिनमें 3 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं. वहीं हावड़ा स्टेशन भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है. कोलकाता मेट्रो का हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन बेहद खास है, क्योंकि इस सेक्शन में ट्रेन पानी के अंदर दौड़ेगी. इस मेट्रो टनल को हुगली नदी के तल से 32 मीटर नीचे बनाया गया है. ये अंडर वॉटर मेट्रो टनल हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन के बीच में दौड़ेगी.

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