
कोलकाता में हुए सामूहिक गीता पाठ को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड मैदान में रविवार को सामूहिक गीता पाठ कार्यक्रम को लेकर टीएमसी मंत्री ने विवाद खड़ा कर दिया. ममता बनर्जी कैबिनेट के उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने रविवार को मालदा में मीडिया से बात करते हुए कहा, गीता पाठ आपकी भूख नहीं मिटा सकता.उन्होंने कहा, “वे गीता का पाठ कर रहे हैं. मैंने अभी तक खाना नहीं खाया है.
टीएमसी नेता ने कही ये बात
उदयन गुहा ने कहा कि, 'अगर मैं कार में बैठकर गीता पढ़ूं तो मैं यह देखने की कोशिश करूंगा कि मुझे भूख लगी है या नहीं... यह कोई नई बात नहीं है कि गीतापाठ आपकी भूख नहीं मिटा सकता. स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि यदि आप अपने शरीर को स्वस्थ और मन को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो फुटबॉल खेलना गीता पढ़ने से बेहतर है. यदि उन्होंने गीता का पाठ करने के बजाय फुटबॉल खेलने की व्यवस्था की होती, तो युवाओं को तरोताजा शरीर और अच्छा दिमाग मिलता. वे जो कर रहे हैं, वे अधिक हिंदू वोट पाने के लिए राजनीतिक आवाज देने की कोशिश कर रहे हैं. भारत के लोग विशेषकर बंगाली लोग इस राजनीति को पसंद नहीं करते हैं.'
विपक्ष के ये नेता रहे शामिल
गीता पाठ कार्यक्रम में विधानसभा में विपक्ष के नेता सुभेंदु अधिकारी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, सांसद दिलीप घोष, लॉकेट चटर्जी समेत बंगाल के कई भाजपा नेता शामिल हुए. हालांकि उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इंडिया टुडे से कहा, ''यह बीजेपी का कार्यक्रम नहीं है. इसके लिए तीन अलग-अलग संगठन एक साथ आए हैं.
भारत के साथ-साथ बंगाल की सांस्कृतिक विरासत
यह भारत के साथ-साथ बंगाल की सांस्कृतिक विरासत है. भक्ति आंदोलन की शुरुआत यहीं से हुई थी. रामकृष्ण को बहुत सारे लोग पसंद करते हैं देव, विवेकानन्द, श्री चैतन्य महाप्रभु इसी धरती पर आये थे. पहले इस मैदान (ब्रिगेड परेड ग्राउंड) का उपयोग राजनीतिक 'कुरक्षेत्र' के लिए किया जाता था, पहली बार इस मैदान से भगवद गीता के श्लोकों का जाप किया जाएगा. मुझे लगता है कि भविष्य में यहां से संदेश पूरे बंगाल में जाएगा. और धर्म की जीत होगी. मैं इस कार्यक्रम का सिर्फ एक भागीदार हूं."
बंगाल के महापुरुषों का अनादर कर रही है बीजेपीः टीएमसी मंत्री
सामूहिक गीता पाठ कार्यक्रम पर टीएमसी मंत्री शशि पांजा ने कहा, “स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था कि अगर आप गीता का अध्ययन करने के बजाय फुटबॉल खेलेंगे तो आप स्वर्ग के करीब होंगे. आज हमने क्या देखा? बी जेपी, बंगाल के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने स्वामी विवेकानन्द के विचारों और उनकी बातों का अनादर किया. उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने फुटबॉल और गीता के बारे में इस तरह से कहा है, वे अनपढ़ हैं, इसलिए परोक्ष रूप से उन्होंने राज्य के एक मंत्री पर टिप्पणी की, जिन्होंने गीता और फुटबॉल संघ के बारे में स्वामी विवेकानंद के उद्धरणों का इस्तेमाल किया था. मंत्री की आलोचना करने के लिए उन्होंने परोक्ष रूप से स्वामी विवेकानन्द का अनादर किया. बार-बार, बीजेपी लगातार बंगाल के महापुरुषों का अनादर कर रहे हैं. चाहे वह स्वामी विवेकानन्द हों, चाहे गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर हों.''
भारत के सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता में एक अनोखा नजारा देखने को मिला जब बड़ी संख्या में लोग सामूहिक गीता पाठ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एकत्र हुए, जिसमें पवित्र हिंदू पाठ 'भगवद गीता' के कालातीत ज्ञान और इसकी सार्वभौमिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया.