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कोलकाता रेप केस: TMC और बीजेपी आमने-सामने, सुकांत मजूमदार बोले- बंगाल को नहीं है ममता की जरूरत

कोलकाता रेप और हत्या मामले में टीएमसी और बीजेपी एक-दूसरे पर हमलावर हैं. बीजेपी ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है तो टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने बीजेपी पर प्रेस वार्ता कर निशाना साधा है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र नहीं बचा है. यह लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं है.

सुकांत मजूमदार. सुकांत मजूमदार.
अनुपम मिश्रा
  • कोलकाता,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:22 PM IST

आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने सामने हैं. इस मामले को लेकर कोलकाता में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर रही है. धरने पर बैठे बीजेपी नेता ने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र नहीं बचा है. यह लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं है. वहीं, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष और चंद्रिमा भट्टाचार्य ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर निशाना साधा है. 

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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आजतक से खास बातचीत करते हुए कहा कि बंगाल में लोकतंत्र नहीं बचा है. पश्चिम बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज ही नहीं है, ममता बनर्जी को तुरंत कोलकाता पुलिस कमिश्नर को हटाना चाहिए और उन्हें (ममता) अब इस्तीफा देना चाहिए. बंगाल को उनकी जरूरत नहीं हैं.

'हम जन्माष्टमी में नहीं करेंगे प्रदर्शन'

उन्होंने आगे कहा कि  कल कृष्ण जन्माष्टमी है, हम कोई विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे... 28 अगस्त को बीजेपी की महिला मोर्चा पश्चिम बंगाल महिला आयोग पर ताला लगाएगी, क्योंकि वे कुछ नहीं कर रहे हैं." 29 अगस्त को हम सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए सभी जिलों में डीएम कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे... हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे... पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य मंत्री ममता बनर्जी के फोन की जांच की जानी चाहिए और एक जांच होनी चाहिए."

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कुणाल घोष ने BJP पर साधा निशाना

वहीं, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष और चंद्रिमा भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये बहुत ही गंभीर मुद्दा है. कल नबन्ना अभियान के लिए हिंसक साजिश का खुलासा हुआ है. छात्र संगठनों में से कोई भी इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता. कुछ आरएसएस, बीजेपी और कुछ वामपंथी लोगों ने ये प्लान बनाया है. हम और सभी टीएमसी के लोग न्याय चाहते हैं और दोषियों के लिए मौत की सजा चाहते हैं. मामला सीबीआई के हाथ में है, लेकिन नबन्ना अभियान को क्यों और कौन बुला रहा है?

उन्होंने कहा कि सीबीआई मामले की जांच कर रही है, लेकिन वे सीएम का इस्तीफा चाहते हैं. वाम शासन में अनेक घटनाएं और उन्नाव, हाथरस और मणिपुर में इतनी घटनाएं हुईं. पर किसी ने इस्तीफा नहीं दिया.

हमें विभिन्न स्रोतों से वीडियो मिले हैं. इसलिए नबन्ना अभियान अवैध है, क्योंकि कोई भी अभियान की जिम्मेदारी नहीं ले रहा है. यह सब सोशल मीडिया पर लोगों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, जिसमें एबीवीपी और वामपंथी दल शामिल हैं. हम पुलिस से भी अपील करते हैं कि दूसरे राज्य से कुछ बाहरी लोग आ सकते हैं और कोई पुलिस की पोशाक पहनकर अराजकता पैदा करने के लिए गोलीबारी कर सकता है.

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उन्होंने कहा कि सभी विरोध करने वालों की रैलियां सीबीआई मुख्यालय में सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक पहुंचनी चाहिए, क्योंकि मामले की जांच सीबीआई कर रही है. यह नबन्ना अभियान अवैध है. हम सतर्क रहेंगे और इन साजिशों को सफल नहीं होने देंगे.

टीएमसी नेता ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि हमने भाजपा के दोहरे चेहरे को देखा है. हमने रामनवमी रैली पर रिवॉल्वर वाले व्यक्ति को देखा है. फर्जी वीडियो, फेक न्यूज और अफवाहों को लगातार दबाया जा रहा है. हम सोशल मीडिया पर ‘नबान्ना अभियान’ के आह्वान पर नजर बनाए हुए हैं और उनमें से कुछ पर ‘अत्याचार’ का आरोप लगाया गया है.

उन्होंने सीबीआई पर आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाल में अशांति फैलाने के लिए जांच एजेंसी जांच में देरी कर रही है. वे अपने ही व्यक्ति को मार सकते हैं और पुलिस द्वारा उसे मारने के रूप में इसे स्टेज कर सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें.

उन्होंने टीएमसी के सभी कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि वह किसी भी तरह के उकसावे में नहीं आए. यदि आप किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को देखते हैं या किसी हिंसक स्थिति का सामना करते हैं तो उकसावे में न आएं. ऐसी स्थिति में तुरंत उच्च नेताओं या पुलिस को सूचित करें.

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ममता खुद सड़कों पर हैं: चंद्रिमा

चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि ममता ने खुद सड़क पर उतरकर न्याय की मांग की है. पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में है. नबन्ना अभियान के लिए पुलिस से कोई अनुमति नहीं ली गई है. किसी भी प्रकार की रैली धरने के लिए पुलिस की अनुमति की आवश्यकता होती है, लेकिन अभी तक किसी ने भी पुलिस से संपर्क नहीं किया है. अब ये साफ हो गया है कि इसके पीछे कौन लोग हैं. वे छात्र मंच का नाम ले रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नबन्ना और उसके आसपास हमेशा बीएनएसएस की धारा 163 लगाई जाती है. अनुमति लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है और शांतिपूर्ण ढंग से किया जा सकता है, लेकिन विरोध के नाम पर अराजकता की इजाजत नहीं दी जा सकती. यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी उल्लंघन है. नेता प्रतिपक्ष ने पहले ही कहा था कि 27 अगस्त को गोलियां चलेंगी.

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