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कोलकाता रेप-मर्डर केस: पीड़िता के घर पहुंची CBI की टीम, माता-पिता से 40 मिनट हुई बातचीत

रेप-मर्डर मामले में 13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश देते हुए कोलकाता पुलिस से कहा था कि वो सारे सबूत और दस्तावेज जांच एजेंसी को सौंप दे. इसके बाद इस केस की जांच सीबीआई ने 14 अगस्त से शुरू कर दी थी.

कोलकाता रेप-मर्डर केस (फाइल फोटो) कोलकाता रेप-मर्डर केस (फाइल फोटो)
अनुपम मिश्रा
  • कोलकाता,
  • 28 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

कोलकाता रेप-मर्डर मामले (Kolkata Rape Murder Case) में जांच कर रही सीबीआई की टीम आज यानी बुधवार को पीड़िता के घर पहुंची. दो सदस्यीय टीम ने घर के अंदर 40 मिनट बिताए. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने पीड़िता के माता-पिता से बातचीत की और इस दौरान जांच से जुड़ी कुछ जानकारी भी हासिल की.

आरजी कर मामले के आरोपी संजय रॉय के करीबी सहयोगी एएसआई अनूप दत्त सीबीआई कार्यालय में घुस गए. जानकारी के मुताबिक, सीबीआई अनूप दत्त का पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है.

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HC ने दिया था CBI जांच का आदेश

13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश देते हुए कोलकाता पुलिस से कहा था कि वो सारे सबूत और दस्तावेज जांच एजेंसी को सौंप दे. इसके बाद इस केस की जांच सीबीआई ने 14 अगस्त से शुरू कर दी थी. सीबीआई ने कोलकाता पुलिस से सभी फोरेंसिक सबूत अपने कब्जे में ले लिए. इसके बाद मुख्य आरोपी संजय रॉय, मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, चार जूनियर डॉक्टरों और एक सिविक वालंटियर का पॉलीग्राफ टेस्ट किया है.

फिलहाल संजय रॉय जेल में है. उसके खिलाफ 53 से ज्यादा वो सबूत जो, कोलकाता पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच के बाद सीबीआई के हवाले किए हैं. इन सबूतों में टेक्निकल एविडेंस से लेकर मौका-ए-वारदात और संजय के पास से बरामद वो चीज़ें भी शामिल हैं, जिन्होंने संजय को फंसा दिया है. वारदात के बाद पुलिस को संजय रॉय का सीसीटीवी फुटेज तो पहले ही मिल गया था, जिसमें वो अस्पताल के सेमिनार हॉल की तरफ जाता हुआ दिख रहा था. 

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इसके बाद मौके से उसका टूटा हुआ ब्लू टूथ नेकबैंड भी मिला, जिसकी पेयरिंग उसके मोबाइल फोन के साथ थी. ये भी उसके पकड़े जाने की एक अहम वजह साबित हुई. इसके अलावा भी 9 अगस्त की रात 8.30 से 9.45 बजे तक फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने मौका-ए-वारदात से करीब 40 से ज़्यादा एग्जीबिट्स यानी नमूने इकट्ठा किए और इनकी बाकायदा वीडियोग्राफी की गई. ये सारे सबूत इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि संजय मुख्य अपराधी है.

कई गवाहों के बयान हुए दर्ज

सबूत इकट्ठा करने की इस प्रक्रिया के दौरान पुलिस ने कई स्वतंत्र गवाहों और डॉक्टर्स के बयान को भी दर्ज किया. और तो और जब पुलिस ने संजय रॉय को 9 अगस्त को गिरफ्तार किया, तो उसके शरीर पर पिछली रात ट्रेनी डॉक्टर के साथ की गई मारपीट और ज्यादती के निशान मौजूद थे. इस दौरान पुलिस ने संजय रॉय का मेडिकल टेस्ट करवाया गया था, जिसमें उसके हांथ पर और जांघ पर खंरोच के ताजा निशान पाए गए.

पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सुपरविजन में संजय के मोबाइल फोन का सारा डाटा इकट्ठा किया. इसमें वारदात के वक्त उसके मोबाइल फोन की लोकेशन का आरजी कर अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग के आस-पास होने की बात भी साबित होती है. इसके अलावा वो जहां से ट्रैवल कर यहां तक पहुंचा और जहां-जहां रुका, वो सब मोबाइल फोन में दर्ज है. इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज तो खैर है ही. पुलिस को उसके मोबाइल फोन से उसकी गर्लफ्रेंड की प्राइवेट तस्वीरें भी मिली थी.

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(दीपक देबनाथ के इनपुट के साथ)

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