
पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आरजी कर (RG Kar Medical College) मेडिकल कॉलेज में हुए एक लेडी डॉक्टर से दरिंदगी के मामले पर TMC के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मामला गंभीर है और आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया गया. विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. बल्कि, भाजपा को 7 दिनों में बलात्कारियों को दंडित करने के लिए एक विधेयक लाना चाहिए.
अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'यह घटना बेहद जघन्य है, राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और 24 घंटे के भीतर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. बलात्कारी की कोई पहचान नहीं होती कि वह पुलिसकर्मी है, इंजीनियर है, मजदूर है या कुछ और. आरोपी सिर्फ एक हत्यारा है और उसे समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है.'
'राजनीति न हो, सजा मिले'
TMC सांसद ने कहा, 'इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. मैंने देखा कि कई राजनीतिक दल सड़कों पर उतर आए हैं. हमें इसके बजाय एक अध्यादेश या विधेयक लाना चाहिए ताकि 7 दिनों में त्वरित न्याय हो सके. विरोध करने वाले भाजपा नेताओं को 7 दिनों में बलात्कारियों को दंडित करने के लिए एक विधेयक लाना चाहिए और विपक्ष के रूप में टीएमसी और कांग्रेस का काम विधेयक का समर्थन करना है. मुकदमे में 5-6 साल क्यों लगेंगे? एक मां और पिता ने अपनी बेटी खो दी. केवल वे ही इसकी कीमत जान सकते हैं. राजनीतिक दलों, मीडिया न्यायपालिका की सामूहिक रूप से परिवार को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी होनी चाहिए.'
उधर, लेडी डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में चल रहे विरोध की आग दिल्ली पहुंच गई है. इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकाला. इसके साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने जांच पूरी करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. इसके साथ ही देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
'48 घंटे के भीतर कार्रवाई की मांग': IMA
IMA ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि पुलिस अधिकारी 48 घंटे के भीतर और सटीकता से कार्रवाई करें, अन्यथा हमको देशव्यापी कार्रवाई शुरू करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. एक निष्पक्ष, पारदर्शी और संवेदनशील जांच की जरूरत है. दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दिया जाता है. इसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा. भारत का पूरा चिकित्सा समुदाय इस क्रूर हत्या से स्तब्ध है.'
इस मामले में कोलकाता पुलिस ने एक संदिग्ध अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसे आज स्थानीय अदालत ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया है. उसे सियालदह अदालत में पेश करके पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत की मांग की गई थी. न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के अनुरोध को स्वीकार कर लिया.
इसके बाद आरोपी को 23 अगस्त तक 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पीड़ित महिला का शव शुक्रवार को उत्तर कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल के अंदर मिला था. प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसकी हत्या से पहले उसका यौन उत्पीड़न किया गया था. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी बाहरी है. वो मेडिकल कॉलेज के विभिन्न डिपार्टमेंट में आसानी से आता जाता था.
पुलिस ने बताया कि आरोपी की गतिविधियां काफी संदिग्ध हैं. वो सीधे तौर पर अपराध में शामिल प्रतीत होता है. पुलिस को ब्लूटूथ ईयरफोन का फटा हुआ हिस्सा मिला था, जिसके जरिए वो आरोपी तक पहुंच पाई. पीजीटी और महिला डॉक्टरों ने भी सीसीटीवी फुटेज से अपराधी की पहचान की है. सूत्रों द्वारा पता चला है कि आरोपी का नाम संजय रॉय है, जो कि पेशे से सिविक वालंटियर है. ऐसे वालंटियर संविदा कर्मचारी होते हैं.