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कुकी-मैतई की लड़ाई में नागा भी कूदे? मणिपुर में 2 हफ्ते बाद तीन लोगों की हत्या ने बढ़ाई चिंता

तांगखुल नागा बहुल उखरुल जिला के लिटन पुलिस थाना क्षेत्र में पड़ने वाले कुकी गांव थोवई में सुबह-सुबह भारी गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं. पुलिस के मुताबिक तीन क्षत-विक्षत शव मिले, जिन पर स्पष्ट रूप से धारदार चाकूओं से वार के निशान थे. बीएसएफ और पुलसि ने इलाके की घेराबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.

मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं (फाइल फोटो) मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST

मणिपुर में करीब दो हफ्ते की शांति के बाद एक बार फिर शुक्रवार सुबह हिंसा भड़क गई, जिसमें तीन कुकी लोगों की मौत हो गई. घटना उखरुल जिले के थोवई गांव की है. यहां सुबह भारी गोलीबारी के बाद तीन युवकों के क्षत-विक्षत शव पाए गए. इसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या कुकी-मैतई समुदायों के बीच चल रही लड़ाई में नागा भी कूद पड़े हैं? कारण, उखरुल जिला तांगखुल नागा बहुल है और यहां ये हिंसा की पहली घटना है. बताया जा रहा है कि मृत युवकों पर उस समय हमला हुआ जब वह अपने गांव थोवई की रखवाली कर रहे थे. ये कुकी समुदाय का गांव है.

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लिटन पुलिस थाना क्षेत्र में पड़ने वाले कुकी गांव थोवई में सुबह-सुबह भारी गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं. पुलिस के मुताबिक तीन क्षत-विक्षत शव मिले, जिन पर स्पष्ट रूप से धारदार चाकूओं से वार के निशान थे. बीएसएफ और पुलसि ने इलाके की घेराबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. तीन मृत युवकों की उम्र 24 साल से 35 साल है.

दरअसल, अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय झड़पें हुईं. इसके बाद मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष में 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं सैकड़ों घायल हैं. हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं.

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इस बीच अब नागा बहुल जिले में युवकों की मौत से स्थिति बिगड़ने की आशंका है. घटना के बाद पुलिस प्रशासन की टेंशन बढ़ गई है. इसको लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है और चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल आरोपियों की तलाश में कॉम्बिंग की जा रही है और स्थिति काबू में है.

1990 में नागाओं और कुकियों के बीच हुई थी हिंसक झड़प

बता दें कि नागा और कुकी समुदाय के बीच भी कुकी संघर्ष का इतिहास रहा है. आखिरी बार 1990 के दशक में नागाओं और कुकियों के बीच हिंसक झड़पें देखी गईं, जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए. उस समय जमीन को लेकर दोनों समुदाय के बीच संघर्ष हुआ था. दरअसल, मणिपुर की पहाड़ियों में कुकी अपनी "मातृभूमि" होने का दावा करते हैं. इसका बड़ा हिस्सा ग्रेटर नागालैंड या नागालिम के साथ ओवरलैप हो गया था, जिसे नागा अपनी मातृभूमि मानते हैं. इसी को लेकर 90 के दशक में दोनों समुदायों के बीच खूनी संघर्ष देखने को मिला था.

कुकी-जो विधायकों ने विधानसभा बहिष्कार का ऐलान किया

कुकी नेता और बीजेपी विधायक पौलेनलाल हाओकिप ने कहा कि मणिपुर के 10 कुकी-जो  विधायक अपने समुदाय पर हमलों के विरोध में सोमवार को होने वाले विशेष विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होंगे. वे एक अलग प्रशासन की अपनी मांग पर कायम हैं, क्योंकि मैतेई और कुकी-जो लोगों के बीच स्पष्ट भौगोलिक और जनसांख्यिकीय विभाजन रहा है. वहीं 6 अगस्त को ही कुकी पीपुल्स अलायंस के दो विधायकों ने एन बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था.

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'हर कोई बोलने के लिए स्वतंत्र है'

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मतभेद होंगे, लेकिन आम जनता को एक साथ आना चाहिए और खोए हुए तीन-चार महीनों की भरपाई के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए.

कुकी विधायकों द्वारा पूर्वोत्तर राज्य के पांच पहाड़ी जिलों के लिए एक अलग मुख्य सचिव और डीजीपी के लिए पीएम मोदी से अनुरोध करने के दो दिन बाद उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को स्वतंत्र रूप से बोलने का अधिकार है.

उग्रवादी संगठन की वीडियो पर सफाई

इस बीच, नागा विद्रोही समूह एनएससीएन (आई-एम) ने मणिपुर में युद्धरत समुदायों को कोई भी हथियार बेचने से इनकार किया है. दरअसल, उग्रवादी संगठन की प्रतिक्रिया एक वीडियो क्लिप सामने आने के बाद आई है. वीडियो में उसका एक कैडर यह आरोप लगाता दिख रहा है कि एनसीएसएन (आई-एम) ने मणिपुर में कुछ समूह को पांच अत्याधुनिक हथियार बेचे हैं. लेकिन इन आरोपों से उग्रवादी संगठन ने मना किया है. उसने कहा कि वीडियो क्लिप स्पष्ट रूप से कुछ शरारती एजेंसी का पूर्व नियोजित और स्क्रिप्टेड प्रोडक्शन है, जिसका उद्देश्य तबाही को आगे बढ़ाना और एनएससीएन की छवि खऱाब करना है. 

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