
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच आज कुकी संगठनों (ITLF) ने चुराचांदपुर में अनिश्चितकालीन बंद बुलाया है. दरअसल, हाल ही में पिछले कई दिनों से लापता मैतेई छात्रों के मर्डर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं. इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों को हवाई सुविधा के जरिए राज्य के बाहर भेज दिया गया है. इसके विरोध में ही कुकी संगठनों ने चुराचांदपुर में बंद बुलाया है.
कुकी संगठनों का आरोप है कि NIA और CBI ने लमका में 2 नाबालिगों सहित 7 लोगों को उठाया है. रविवार को कुकी समूह ने एक बैठक की, जिसमें तय किया गया कि कुकी समुदाय के 7 लोगों को हिरासत में लेने के विरोध में आज (2 अक्टूबर) को बंद बुलाया है. बंद के दौरान मैतेई बहुल इलाकों से लगे सभी बॉर्डर को सील कर दिया जाएगा.
48 घंटे में रिहा करने की मांग
प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि किसी को भी बफर जोन में प्रवेश करने या फिर वहां से निकलने नहीं दिया जाएगा. सभी सरकारी दफ्तर भी बंद रहेंगे. कुकी समुदाय के संगठनों ने धमकी दी है कि अगर आरोपियों को 48 घंटों में रिहा नहीं किया गया तो मणिपुर के सभी पहाड़ी इलाकों में तेज आंदोलन चलाया जाएगा.
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आरोपियों को राज्य के बाहर भेजा
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने एक दिन पहले ही कहा था कि मणिपुर के दो छात्रों के अपहरण और उनके कत्ल के मामले में CBI ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. सरकार सुनिश्चित करेगी कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा सजा मिले. आरोपी की पत्नी समेत चारों को एक विशेष फ्लाइट से राज्य के बाहर भेज दिया गया है. सीएम सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि मामले में 11 और 9 साल की दो नाबालिग लड़कियों को भी हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. दोनों मुख्य आरोपी की बेटियां हैं.
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सोशल मीडिया पर पोस्ट के बाद बवाल
बता दें कि मणिपुर में 6 जुलाई को दो छात्र 20 साल का फिजाम हेमनजीत और 17 साल की लड़की हिजाम लिनथोइंगंबी लापता हो गए थे. उनकी लाशों की तस्वीर 25 सितंबर को सोशल मीडिया पर सामने आई थी. इसके बाद ही छात्रों ने हिंसक विरोध-प्रदर्शन किया था. दो युवकों की हत्या के आरोप में CBI ने चुराचांदपुर जिले के हेंगलेप इलाके से 4 लोगों को गिरफ्तार किया था.
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सीएम के पुश्तैनी घर पर हुआ था हमला
सीएम यह भी कहा था कि चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चलाए गए ऑपरेशन के दौरान सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ जैसे अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के जवानों ने प्रमुख भूमिका निभाई है. दोनों छात्रों के शवों की तस्वीरें वायरल होने के बाद 26 और 27 सितंबर को छात्रों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था. भीड़ ने रात के समय मुख्यमंत्री के पैतृक घर पर हमला करने की कोशिश की थी. हालांकि, सुरक्षा बलों ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया था. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पश्चिम जिले में उपायुक्त कार्यालय में भी तोड़फोड़ की थी.
(इनपुट: आशुतोष)