
मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को अब उनकी पहचान मिल चुकी है. यह चीते अब भारतीय नामों से पुकारे जाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से चीतों के नामकरण के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिता चलाई गई थी और इसमें देशभर के हजारों लोगों ने इन चीतों के भारतीय नाम सुझाए. इसी आधार पर अब चीतों का नामकरण कर दिया गया है. इसकी जानकारी केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक वीडियो ट्वीट कर देश की जनता के साथ साझा की है.
पहले यह बता दें कि पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से 8 चीते कूनो नेशनल पार्क लाए गए थे, जिनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. इसके बाद 12 चीते 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे. जिनको मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था.
इन चीतों के नाम रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों से आह्वान किया था कि इन चीतों के नाम सुझाएं और पारंपरिक नाम बताएं. साथ ही सबसे पहले चीता देखने का मौका पाएं. यही वजह है कि केंद्र सरकार के माय जीओवी पोर्टल पर 26 सितंबर से ऑनलाइन प्रतियोगिता शुरू की गई, जो 31 अक्टूबर 2022 तक चली थी. प्रतियोगिता में देशभर से हजारों नाम सुझाए गए. अब चीतों का नामकरण कर दिया गया है.
नामीबिया से लाए गए मादा चीता आशा अब आशा, ओबान अब पवन, सवाना अब नाभा, सियाया अब ज्वाला, एल्टन अब गौरव, फ्रेडी अब शौर्य, तिब्लिसी को अब धात्री नाम से पहचाना जाएगा. मादा आशा का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखा था.
साउथ अफ्रीका से आए गए 12 चीतों में फिंडा (मादा) को दक्ष, मापेसू को निर्वा, फिंडा (व्यस्क-1) को वायु, फिंडा(व्यस्क-2) को अग्नि, तस्वालू (मादा) को गामिनी, तस्वालू (व्यस्क नर) को तेजस, तस्वालू (उप व्यस्क मादा) को वीरा, तस्वालू (उप व्यस्क नर) को सूरज, वाटरबर्ग जीवमंडल (व्यवस्क मादा) को धीरा तो वाटरबर्ग जीवमंडल (व्यवस्क नर) को उदय और वाटरबर्ग बायोस्फीयर व्यस्क (नर-2) को प्रभाष, वाटरबर्ग बायोस्फीयर व्यस्क (नर-3) को पावक नाम दिया गया है. इसके साथ ही प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की भी घोषणा कर दी गई है.
यहां बता दें कि पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो पार्क के बाड़ो में छोड़ा था. इनमें 3 नर और 5 मादा हैं. सभी चीतों को चरणबद्ध तरीके से छोटे बाड़े से बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया. इनमें से 4 चीते तो खुले जंगल में रफ्तार भर रहे है. हालांकि, एक मादा चीता साशा की किडनी बीमारी से मौत हो चुकी है.
वहीं, 18 फरवरी को दूसरी खेप में दक्षिण अफ्रीका से भी 12 और चीते कूनो लाकर बसाए जा चुके हैं. चीता प्रोजेक्ट के तहत यहां लाए गए सभी चीते यहां के माहौल में सर्वाइव भी कर रहे हैं. एक नामीबियाई मादा चीता सियाया के 4 शावकों को जन्म देने के बाद पार्क में चीतों का कुनबा बढ़कर कुल 23 हो गया है.