
कुवैत (Kuwait) के मंगाफ शहर में बुधवार को बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग में कुल 45 भारतीय नागरिकों की मौत हुई है. जान गंवाने वाले भारतीयों के शवों को देश लाने के लिए भारतीय वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान रवाना हो गया है. रक्षा अधिकारियों ने बताया कि उम्मीद जताई जा रही है कि विमान शुक्रवार को ही शवों को लेकर वापस आ जाएगा.
बता दें कि कुवैत अग्निकांड में मारे गए लोगों में से 23 नागरिक केरल के हैं. जिनके पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह 8.30 बजे कोच्चि एयरपोर्ट पर लाए जाएंगे. इसके बाद उन्हें तुरंत उनके घर ले जाया जाएगा.
कुवैत नही जा सकीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अन्य मंत्री एयरपोर्ट पर आकर रिसीव करेंगे. राजनीतिक मंजूरी न मिलने के कारण केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज कुवैत नहीं जा सकीं. वीना जॉर्ज ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने कुवैत की उनकी यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी नहीं दी. कैबिनेट ने उन्हें और एक अधिकारी को राज्य सरकार की तरफ से हर चीज का समन्वय करने के लिए कुवैत भेजने का फैसला किया था.
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केंद्र के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि कई लोग घायल हैं, उनके परिवार उनके साथ नहीं हैं, ऐसे वक्त में सरकार उनके साथ खड़ी होना चाहती है और हर संभव मदद सुनिश्चित करना चाहती है.
कब हुआ था हादसा?
कुवैत के मीडिया के मुताबिक आग रसोई में लगी थी, अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं. ये हादसा बुधवार की सुबह 4.30 बजे अल-अहमदी गवर्नरेट के अधिकारियों हादसे की सूचना दी गई थी. इसका मतलब ये आग अलसुबह लगी थी, जिस वक्त लोग नींद के आगेश में थे. कुवैत के मीडिया के अनुसार निर्माण कंपनी NBTC ग्रुप ने 195 से ज्यादा श्रमिकों के रहने के लिए बिल्डिंग किराए पर ली थी, जिनमें से अधिकांश केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय रह रहे थे.
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