
तमिलनाडु के श्रम कल्याण और कौशल विकास मंत्री सीवी गणेशन ने कहा है कि "सोशल मीडिया पर फैली इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है कि तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में उत्तर भारत के मजदूरों पर हमला किया जा रहा है। तमिलनाडु शांति के लिए जाना जाता है और ऐसी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी."
वायरल हुआ था वीडियो
दरअसल, गुरुवार सुबह से ही तमिलनाडु में हुई एक कथित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इस घटना की खबर अखबारों में भी छप गई. अखबारों की खबरों का हवाला देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को तमिलनाडु की घटना पर चिंता जताते हुए ट्वीट कर दिया. साथ ही मुख्य सचिव और डीजीपी को तमिलनाडु के आला अधिकारियों से बात करने और वहां काम करने वाले बिहार के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दे दिया. हालांकि, कुछ घंटे बाद तमिलनाडु पुलिस ने दावा किया कि बिहार के मजदूरों को मारे जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर जो वीडियो चल रहे थे, वे फर्जी हैं. इसी कारण से सवाल खड़े हो रहे हैं कि कैसे बिहार के सीएम सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों के शिकार हो गए?
तमिलनाडु के डीजीपी ने किया खंडन
इधर, इसके बाद तमिलनाडु के डीजीपी शैलेंद्र बाबू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा- "बिहार में किसी ने बिहार के मजदूरों पर तमिलनाडु में हमले के संबंध में एक झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया है. घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित दो वीडियो फर्जी हैं. वीडियो के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और दावा किया गया है कि तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों पर हमला किया जा रहा है."
बिहार विधानसभा में भी उठा मुद्दा
दिलचस्प बात यह है कि इस मुद्दे को बिहार विधानसभा में भी उठाया गया था, जिसमें बीजेपी ने तमिलनाडु में काम करने वाले बिहार के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार पर बहस की मांग की थी. जिस वक्त बीजेपी विधानसभा में इस मुद्दे को उठा रही थी, उस वक्त नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सदन में मौजूद नहीं थे.