लद्दाख: सेना का सामान पहाड़ों पर पहुंचाया, गांव वाले बोले- नहीं सहेंगे चीन का कब्जा

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन पहाड़ों पर उनके पूर्वज दशकों से अपना मवेशी चराते आए हैं उनपर वे कभी भी चीन का कब्जा नहीं देखना चाहते हैं.

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काला टॉप पर भारतीय सेना के साथ स्थानीय लोग (फोटो-आजतक) काला टॉप पर भारतीय सेना के साथ स्थानीय लोग (फोटो-आजतक)
अशरफ वानी
  • लद्दाख,
  • 06 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST
  • 'दशकों से ये हमारी जमीन है'
  • 'ये पहाड़ हमारे जानवरों का चारागाह'
  • स्थानीय लोगों ने की सेना की मदद

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीनी सेनाओं को सबक सिखाने में यहां रहने वाले भारतीयों ने सेना की भरपूर मदद की. पिछले महीने की 31 तारीख को चीन की तरफ से घुसपैठ की कोशिश के बाद भारतीय सेना ने चीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए न सिर्फ चीनियों को वापस ढकेल दिया, बल्कि इंडियन आर्मी ने पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर स्थित कई ऊंचे पहाड़ों पर कब्जा भी जमा लिया. 

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इस बड़े ऑपरेशन में भारतीय सेना के साथ-साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर रहने वाले गांव वालों ने  भरपूर मदद की. इन दुर्गम इलाकों के हर एक चप्पे से वाकिफ गांव वालों ने सेना का सामान, राशन और दूसरी जरूरी चीजें कंधों पर उठाकर पहाड़ों पर पहुंचा दीं. 

यहां के स्थानीय लोगों ने भारतीय सेना को भरोसा दिलाया कि चीन के खिलाफ किसी भी कार्रवाई में वह भारतीय सेना के साथ खड़े रहेंगे. इन लोगों ने भारतीय सेना की मदद करने के एवज में किसी तरह की मजदूरी लेने से भी इनकार कर दिया और कहा कि चीन के खिलाफ हर अभियान में वे भारतीय सेना के साथ हैं. 

हेलमेट टॉप के नागरिक (फोटो-आजतक)

दरअसल चीन की अड़ंगेबाजी से यहां रहने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं. चीन की गतिविधियों की वजह से इनकी रोजाना की जिंदगी पर असर पड़ा है. अब उन्हें पहाड़ों पर कहीं भी आने-जाने में सावधानी रखती पड़ती है. 

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उनका कहना है कि जिन पहाड़ों पर उनके पूर्वज दशकों से मवेशी चराते आए हैं उनपर वे कभी भी चीन का कब्जा नहीं देखना चाहते हैं. आम लोगों की तरफ से यह सहयोग मिलने के बाद भारतीय सेना का मनोबल भी काफी बढ़ा है. 

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