
लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसक घटना को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए अपनी मांगें सरकार के सामने रख दीं. साथ ही, किसान नेताओं ने 11 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम देते हुए मांगें नहीं माने जाने की स्थिति में भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा भी प्रस्तुत कर दी. एसकेएम ने मांग की है कि अजय मिश्र टेनी को मंत्री पद से हटाया जाए. आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया जाए.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी पुलिस को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को रिमांड पर लेना चाहिए. टेनी जब तक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रहेंगे, कोई भी अधिकारी पिता-पुत्र के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि बाप-बेटा को गिरफ्तार किए बिना इस घटना की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. अजय मिश्रा टेनी को पद से हटाया जाए और बाप-बेटा को गिरफ्तार किया जाए.
राकेश टिकैत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं की लिंचिंग को एक्शन का रिएक्शन बताया और कहा कि इनको हम गलत नहीं मानते हैं. उन्होंने यूपी पुलिस के साथ हुए समझौते को लेकर कहा कि पुलिस ने हमसे गिरफ्तारी के लिए सात दिन मांगे थे. एसकेएम ने सरकार को 11 अक्टूबर तक का समय देते हुए मांगें न माने जाने की स्थिति में भविष्य के कार्यक्रमों का भी ऐलान कर दिया. एसकेएम ने मांगें न माने जाने की स्थिति में 12 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी से शहीद किसान कलश यात्रा निकालने, 18 अक्टूबर को देशभर में रेल रोको आंदोलन, दशहरा के दिन पुतला दहन और 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत की जाएगी.
एसकेएम के नेता योगेंद्र यादव ने देशभर में कैंडल मार्च निकालने की अपील की और कहा कि महापंचायत के मंच पर किसी भी राजनीतिक दल के नेता को जगह नहीं दी जाएगी. योगेंद्र यादव ने 12 सितंबर की शाम 7 बजे हर नागरिक से अपने घर के बाहर पांच कैंडल जलाने की अपील की. डॉक्टर दर्शनपाल सिंह ने 12 सितंबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में अतिम अरदास और भोज के आयोजन का आह्वान किया.
वहीं, जोगिंदर सिंह उग्रहां ने बीजेपी सरकार पर किसानों को लेकर हिंसा का उपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती है और कोशिश कर रही है कि किसान हिंसक हो जाएं लेकिन हम अहिंसक आंदोलन ही जारी रखेंगे. पिछले तीन महीने में बीजेपी सरकार की ओर से अपनाई गई रणनीति खतरनाक है.