
लखीमपुर में हुई हिंसा (Lakhimpur Violence) के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Viral Video) हैं. जिनको लेकर तरह तरह के दावे भी किये जा रहे हैं. इसी बीच आजतक ने उस चश्मदीद से घटना के बारे में बातचीत की जो वायरल वीडियो में से एक में गाड़ी से निकलकर भागता हुआ नजर आ रहा है. थार (Mahindra Thar Car) गाड़ी से उतरकर जो शख्स भाग रहा है, जिसका वीडियो काफी ज्यादा वायरल हुआ है यह वो ही चश्मदीद है.
घटना के बारे में आजतक से बातचीत करते हुए चश्मदीद सुमित ने कहा कि यह डराने वाला था, कभी नहीं सोचा था कि अपने सामने अपने दोस्त को मरते हुए देखूंगा. सुमित ने आजतक से बताया, 'मेरे सामने उपद्रवियों ने मेरे ड्राइवर को खींचा और बुरी तरह डंडों से मारने लगे. फिर मेरे दोस्त के साथ भी यही किया गया. मैं किसी तरह से जान बचाकर वहां से भागा. अगर रुकता या फंस जाता तो आज आपके सामने नहीं बैठा होता. शुभम का जाना मेरे लिए एक झटके की तरह है जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता.'
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घटना के दौरान कहां थे आशीष मिश्र?
सुमित ने आशीष मिश्र के गाड़ी में होने की बात पर कहा कि आशीष वहां पर नहीं थे. वो कुश्ती के कार्यक्रम थे. किसानों को मारने की मंशा से गाड़ी चढ़ाने के आरोपों पर सुमित ने कहा कि हम किसी किसान को क्यों मारना चाहेंगे? वीडियो जो वायरल हुआ है उसमें आधा सच है. जब गाड़ी पर पत्थरबाजी होगी और आपकी जान खतरे में होगी तब कौन सही से ड्राइव कर पाएगा? सुमित ने कहा कि पत्थरबाजी के बाद गाड़ी कंट्रोल में थी ही नहीं. यहां देखिये चश्मदीद सुमित जायसवाल के साथ आजतक की एक्सक्लूसिव बातचीत...
लोकल नहीं लग रहे थे हमला करने वाले लोग: चश्मदीद
सुमित ने कहा कि उन लोगों को देख कर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वो सभी लोग लोकल हैं. तिकुनिया इलाके में जहां प्रदर्शन हो रहा था वहां गाड़ियां जैसे ही पहुंची, ऐसे में हो रहे पथराव के चलते गाड़ियों के शीशों पर भी टूटे. सुमित ने बताया कि इस दौरान कांच टूटने की वजह से और ड्राईवर की आंख में भी कुछ चले जाने के चलते गाड़ी अनियंत्रित हो गयी.
उन्होंने कहा कि जब गाड़ी अनियंत्रित हुई तब गाड़ी किनारे जा कर रुक गयी. जिसके बाद लोग ड्राईवर को निकाल कर मारने लगे. सुमित ने कहा कि ऐसे में जब मैंने देखा कि सब मारो मारो चिल्ला रहे हैं, हाथों में धारदार हथियार लिए हैं, यह देखकर मैं गाड़ी से भागकर अपनी जान बचाने के लिए भागा. जिसके बाद मैं आज बच सका.
सुमित ने कहा कि ये जिन भी लोगों ने हमला किया है ये लोग किसान नहीं हो सकते. मेरे दोस्त शुभम को जिस बेरहमी से मारा गया है, मारने वाले लोग किसान नहीं हो सकते, ये कोई और लोग थे और यह सब साजिशन हुआ है.