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लक्षद्वीप में मछली घोटाला, सीबीआई ने NCP सांसद के खिलाफ दर्ज किया केस

सीबीआई को जून के आखिरी हफ्ते में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े इनपुट्स मिले थे. इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू की. जांच के दौरान, सीबीआई ने पाया था कि मोहम्मद फैजल और कुछ अन्य लोग स्थानीय मछुआरों और सरकारी विभागों को धोखा देने में शामिल थे.

लक्षद्वीप से एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल (फाइल फोटो) लक्षद्वीप से एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल (फाइल फोटो)
मुनीष पांडे
  • लक्षद्वीप,
  • 13 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST
  • 2016-17 का है मछली खरीद से जुड़ा ये मामला
  • एनसीपी सांसद पर मछुआरों के साथ धोखा करने का आरोप

केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने लक्षद्वीप के एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. मोहम्मद फैजल पर उनके भतीजे के प्रतिनिधित्व वाली एक श्रीलंकाई कंपनी को टूना मछली के निर्यात में कथित अनियमितता का आरोप लगा है. FIR में एनसीपी सांसद के भतीजे अब्दुल राजिक और श्रीलंका की कंपनी एसआरटी जनरल मर्चेंट के नाम भी शामिल हैं. 

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सीबीआई ने मंगलवार को फैजल के दिल्ली, कालीकट और लक्षद्वीप स्थित ठिकानों पर छापे मारे. हालांकि, इस बारे में अभी फैजल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. सीबीआई को जून के आखिरी हफ्ते में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े इनपुट्स मिले थे. इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू की. जांच के दौरान, सीबीआई ने पाया था कि मोहम्मद फैजल और कुछ अन्य लोग स्थानीय मछुआरों और सरकारी विभागों को धोखा देने में शामिल थे.

क्या है मामला?

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, 2016-17 में एनसीपी सांसद फैजल ने लक्षद्वीप कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (एलसीएमएफ) लिमिटेड से झूठ बोला था कि एक विदेशी कंपनी एसआरटी जनरल मर्चेंट्स इम्पोर्टर्स एंड एक्सपोर्टर्स, मौजूदा दर से अधिक कीमत पर सूखी टूना मछली आयात करने को तैयार है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में टूना मछली की कीमत करीब 400 रुपए प्रति किलो है. 

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एफआईआर के मुताबिक, LCMF के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने 21 नवंबर 2016 को तय किया कि स्थानीय मछुआरों से मछली खरीदी जाएगी. कोऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से लक्षद्वीप के अलग अलग आइसलैंड से 287 एमटी मछली खरीदी गई. इस दौरान मछुआरों से कहा गया है कि उन्हें बाजार की कीमतों से ज्यादा कीमत मिलेगी. 
 
इस मामले में सीबीआई ने एलसीएमएफ के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एम पी अनवर को भी आरोपी बनाया है. उन्होंने बिना मानदंडों का पालन किए और बिना कोई टेंडर जारी किए सिर्फ सांसद फैजल के आश्वासन पर भरोसा करते हुए खरीद जारी रखी. 

आरोप है कि फैजल ने मछली का निर्यात जिस श्रीलंकाई कंपनी को किया, उसकी ओर से एलसीएमएफ को कोई भुगतान नहीं किया गया. इसके चलते स्थानीय मछुआरों को करीब 9 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. 

 

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