
संसद में बवाल कांड में मुख्य आरोपी ललित झा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. ललित दो दिन से फरार था. घटना के बाद वो बस से राजस्थान भाग गया था. बाद में पुलिस का दबाव बढ़ा तो खुद दिल्ली चला गया. इस मामले में ललित को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. ललित का पश्चिम बंगाल से भी कनेक्शन निकला है. वो दो साल पहले तक वहां रहता था. इतना ही नहीं, बंगाल में वो कुछ बच्चों को भी पढ़ाता था. उसे कुछ लोग टीचर की पहचान से जानते हैं तो कुछ लोग सामाजिक कार्यकर्ता समझते हैं. आजतक उस घर तक भी पहुंचा, जहां ललित करीब डेढ़ साल तक रहा. इसके अलावा, ललित के करीबी दोस्त से भी बात की है.
बता दें कि 13 दिसंबर को संसद में बवाल कांड सामने आया था. संसद में जब बीजेपी के सांसद खगेन मुर्मू चर्चा कर रहे थे, तभी विजिटर गैलरी यानी दर्शक दीर्घा से दो शख्स अचानक नीचे कूदे और हंगामा करने लगे थे. दोनों ने नारेबाजी की, फिर जूते में छिपाकर रखा गया कलर स्प्रे निकाला और हवा में उड़ा दिया. इससे सांसदों में डर फैल गया. हालांकि, बाद में दोनों आरोपियों को पकड़ा गया और पुलिस के हवाले कर दिया. ठीक उसी समय संसद के बाहर भी दो लोगों को हंगामा करते वक्त पकड़ा गया. बाहर की घटना में एक महिला और एक युवक शामिल था.
'पूरे केस का मास्टरमाइंड निकला ललित मोहन झा'
इस पूरे घटनाक्रम में अब तक सात आरोपियों की संलिप्तता सामने आई है. ये आरोपी पांच अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं. सागर शर्मा (26 साल) उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला है. मनोरंजन डी (34 साल) कर्नाटक के मैसूर का रहने वाला है. नीलम (37 साल) हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की रहने वाली है. अमोल शिंदे (25 साल) लातूर (महाराष्ट्र) के रहने वाले हैं. इसके अलावा, हरियाणा के रहने वाले ललित झा को भी गुरुवार शाम गिरफ्तार किया गया है. राजस्थान के रहने वाले महेश की भूमिका भी सामने आई है. महेश पुलिस की हिरासत में है. पुलिस का कहना है कि ललित झा इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड है.
'जिस घर में रहता था, वहां लगा ताला'
मुख्य साजिशकर्ता ललित झा करीब 3 साल पहले बुराबजार इलाके के एक घर में रुका था. स्थानीय लोगों के अनुसार, वो करीब डेढ़ साल पहले घर छोड़कर चला गया था. तब से इस घर में ताला लगा हुआ है. घर का मालिक दिल्ली में रहता है. उसने यह संपत्ति लीज पर दी थी. वहीं, ललित झा को सबलीज पर मकान दिया गया था. स्थानीय लोगों के अनुसार वो यहां टीचर था और कभी-कभार बच्चों को पढ़ाने आता था. स्थानीय लोगों ने तस्वीर देखकर ललित को पहचान लिया. उन्होंने बताया कि ललित लगभग 2 साल पहले यहां रुका था. यह भी सामने आया है कि संसद बवाल कांड में मुख्य आरोपी ललिल झा खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने का भी प्रयास करता था. कथित तौर पर उसे कोलकाता में कई सामाजिक कार्यक्रमों में भी देखा गया.
'सामाजिक कार्यक्रमों में भी देखा जाता था ललित'
ललित ने कथित तौर पर बुधवार दोपहर 1 से 2 बजे के बीच वॉट्सएप पर अपने सहयोगी के साथ हमले का एक वीडियो शेयर किया था. पश्चिम बंगाल के हलिसहर के एक छात्र ने पहचान छिपाने की शर्त पर आजतक से बातचीत की. उसने बताया कि वो ललित से पहली बार पिछले अप्रैल में कोलकाता में एक सम्मेलन में मिला था. स्टूडेंट ने कहा कि मैं यह जानता था कि ललित कोलकाता का रहने वाला है. मुझे ललित ने बताया था कि वो कई गैर सरकारी संगठनों से जुड़ा हुआ है और वो मेरे एनजीओ में शामिल होना चाहता है. वो एनजीओ पार्टनर बन गया. ललित का इस छात्र से इसी महीने 12 दिसंबर या उससे पहले मिलने का प्लान तय हुआ था. बुधवार को ललित ने एक वीडियो शेयर किया और मीडिया कवरेज देखने को कहा.
'बंगाल में बड़ा नेटवर्क खड़ा करने का दावा करता था'
स्टूडेंट का कहना था कि ललित ने संसद हमले के बाद वीडियो शेयर किया. एनजीओ पार्टनर ने बताया कि ललित को बार-बार अपना फोन नंबर बदलने की आदत थी. आजतक को विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में कई गैर सरकारी संगठनों के साथ उसकी भागीदारी के बारे में पता चला है. ललित अपने परिचितों से ग्रामीण बंगाल में विशेष रूप से पुरुलिया और झाड़ग्राम जिलों में एक सक्रिय नेटवर्क होने का भी दावा करता था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल फिलहाल ललित की तलाश कर रही है. स्टूडेंट ने बताया कि मैंने खुद अपना एनजीओ बनाया था. इसमें ललित महासचिव था. दोस्त ने बताया कि वॉट्सऐप पर जो वीडियो भेजा गया था, वो उसने शाम चार-पांच बजे देखा. उसके फोन का इंटरनेट ऑन किया.
'बंगाल के एनजीओ में पार्टनर था ललित'
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में पुलिस ने ललित के दोस्त से उत्तर 24 परगना जिले में घंटों तक पूछताछ की है. एक अधिकारी ने बताया कि बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट की एक टीम गुरुवार को निलकहया आइच के हलिसहर स्थित आवास पर पहुंची और उससे ललित के साथ संबंध के बारे में जानकारी ली. एनजीओ में काम करने के बारे में भी जानकारी ली. अधिकारी ने बताया, हमने ललित के साथ उसकी दोस्ती के बारे में जानने के लिए उस व्यक्ति से घंटों बात की. हमें दिल्ली पुलिस से उसके बारे में जानकारी मिली थी.'
'पुलिस ने ललित के दोस्त का फोन चेक किया'
पुलिस ने कहा, पश्चिम बंगाल के एक कॉलेज में स्नातक छात्र को घटना के तुरंत बाद ललित ने संसद में सुरक्षा उल्लंघन का एक वीडियो भेजा था. हमने उसके मोबाइल फोन की जांच की है और कुछ जानकारी नोट की है, जो हमारी जांच में महत्वपूर्ण हो सकती है.
'भगत सिंह से प्रभावित होने का किया दावा'
पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रभावित होकर कोलकाता निवासी और पेशे से शिक्षक ललित और अन्य पांच आरोपियों ने पूरा प्लान बनाया था, ताकि पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया जा सके. सूत्रों ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के संपर्क में आने के बाद सभी छह लोग फेसबुक पर भगत सिंह फैन पेज से जुड़ गए. सूत्रों ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान अमोल ने जांचकर्ताओं को बताया कि वे किसानों के विरोध, मणिपुर में जातीय संघर्ष और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से नाराज था और इसीलिए उसने इस कृत्य को अंजाम दिया. सूत्रों ने कहा, आरोपियों की विचारधारा एक जैसी है. इसलिए वे सरकार को एक संदेश देना चाहते थे.
'एक जैसे जवाब दे रहे हैं सभी आरोपी'
पुलिस की जांच में दो संगठनों के नाम भी सामने आए हैं और उनकी भूमिका की जांच की जा रही है. सभी आरोपी जांच टीम को एक जैसे जवाब दे रहे हैं. पुलिस का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि आरोपियों ने पहले से ही तैयारी कर ली थी कि पकड़े जाने पर उनसे पूछताछ की जाएगी तो क्या जवाब देना है.
'राजस्थान में फोन नष्ट कर देने का दावा'
ललित का कहना था कि वो राजस्थान से ही लगातार सारी चीजों पर नजर रख रहा था. जब उसे लगा कि पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में लगी हैं तो वो वापस दिल्ली आया और गुरुवार रात उसने दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. ललित के पास ही अमोल, मनोरंजन, सागर और नीलम के फोन थे. वो अपने फोन से भी लगातार वीडियो बना रहा था. लेकिन राजस्थान में जाकर उसने सब फोन नष्ट कर दिए. हालांकि पुलिस इसकी हर बात पर विश्वास नहीं कर रही. हर बयान को वेरिफाई कर रही है. पुलिस ने महेश और उसके एक अन्य साथी को भी हिरासत में लिया है. पुलिस को अंदेशा है कि महेश भी इस पूरी साजिश में शामिल है.