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जमानत को चुनौती नहीं दी जा सकती क्योंकि सीबीआई.... लालू यादव ने SC से कहा

चारा घोटाले में दोषी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र को आधार बनाते हुए अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का कोई मकसद पूरा नहीं होगा. दरअसल लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द करने की सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है. सीबीआई का कहना है कि लालू को अपने किए की पूरी सजा काटनी चाहिए.

लालू प्रसाद यादव लालू प्रसाद यादव
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

चारा घोटाला मामले में सीबीआई की याचिका के विरोध में लालू प्रसाद यादव के जवाबी हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दलीलें सुनेगा. लालू ने सीबीआई की याचिका पर जवाबी हलफनामा दायर किया है. दरअसल लालू ने सीबीआई की उस याचिका का विरोध किया है, जिसमें चारा घोटाले में उनकी जमानत रद्द करने की मांग की गई है.

लालू का कहना है कि सजा निलंबित करने के हाईकोर्ट के आदेश को केवल इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि सीबीआई इस फैसले से असंतुष्ट है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटना हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि हाईकोर्ट का फैसला सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है.

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चारा घोटाले में दोषी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र को आधार बनाते हुए अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का कोई मकसद पूरा नहीं होगा. दरअसल लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द करने की सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है. सीबीआई का कहना है कि लालू को अपने किए की पूरी सजा काटनी चाहिए.

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है जिस पर कोर्ट 25 अगस्त को सुनवाई करने पर राजी हो गया है. सीबीआई ने झारखंड के दुमका, डोरंडा, चाईबासा और देवघर में किए गए पशुओं के चारे की खरीद सप्लाई में किए गए करोड़ों रुपए की हेराफेरी और गबन के मामले में लालू की जमानत को चुनौती दी है. 

दरअसल, लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े 5 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. हालांकि, वे सभी 5 मामलों में जमानत पर हैं. ऐसे में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चारा घोटाले में लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से मिली जमानत को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट सीबीआई की याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई करेगा.

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सीबीआई ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाले (दुमका, चाईबासा, डोरंडा, देवघर कोषागार) से संबंधित चार मामलों में लालू प्रसाद को जमानत देने के  झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. सीबीआई चाहती है कि लालू यादव की जमानत रद्द हो. लालू यादव ने इस याचिका का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है. उन्होंने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. 

क्या है चारा घोटाला?

- जनवरी 1996 में चारा घोटाले का खुलासा हुआ था, तब बिहार सरकार के पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपये की हेराफेरी सामने आई थी. उस समय बिहार और झारखंड एक राज्य था और लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे. ये पूरा घोटाला 950 करोड़ रुपये का बताया जाता है. 
- मार्च 1996 में पटना हाईकोर्ट ने इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी. जून 1997 में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दाखिल की. ये पहली बार था जब लालू प्रसाद यादव का नाम घोटाले में आरोपी के तौर पर चार्जशीट में लिखा गया था. 
- चार्जशीट में नाम सामने आने के बाद लालू यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उनके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) जुलाई 1997 में बिहार की मुख्यमंत्री बनीं. 
- 2000 में बिहार और झारखंड दो अलग-अलग राज्य बन गए. ये मामला झारखंड हाईकोर्ट के पास चला गया. फरवरी 2002 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में इस मामले का ट्रायल शुरू हुआ. इस घोटाले से जुड़े मामले में लालू यादव को पहली सजा सितंबर 2013 को सुनाई गई थी.

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