
2024 लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में विपक्षी दलों की महाबैठक हुई. इस बैठक में शामिल हुए तमाम नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने पर मंथन किया. बैठक के बाद संयुक्त प्रेसवार्ता हुई. इस दौरान आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी को लेकर ऐसा बयान दे दिया जिसकी अब चर्चा हो रही है.
दरअसल, लालू यादव ने राहुल गांधी को दाढ़ी ट्रिम करवाने के साथ शादी करने की भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दूल्हा बनें हम बाराती बनेंगे. आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि उनकी बात पर सोनिया गांधी ने भी सहमति जताई है. लालू यादव ने कहा- सोनिया जी भी चाहती हैं कि राहुल गांधी शादी कर लें.
विपक्षी दलों की महाबैठक में कौन-कौन हुआ शामिल?
शुक्रवार (23 जून) को बिहार की राजधानी पटना में 15 विपक्षी दलों की एकजुटता बैठक हुई. इसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन समेत अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, महबूबा मुफ्ती सहित 5 राज्यों के पूर्व सीएम भी शामिल हुए. राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस बैठक में मौजूद रहे. कुल मिलाकर विपक्ष की महाबैठक में 27 नेता शामिल हुए.
'12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे'
बैठक के बाद सभी नेताओं ने साझा प्रेस कांफ्रेंस भी की. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम 12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे हैं, जिसमें एक सामान्य एजेंडा तैयार करेंगे. साथ ही किसी एक नेता को संयोजक चुना जाएगा.
कई मुद्दों पर देखने को मिली तकरार
विपक्षी एकजुटता को लेकर हुई इस बैठक में आपसी तकरार भी देखने को मिली. सूत्रों के मुताबिक बैठक में सभी दलों के नेता एक साथ तो आए लेकिन कुछ मुद्दों पर उनके बीच तकरार हो गई. AAP ने विपक्षी एकता बैठक में दिल्ली के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी पर मिलीभगत का आरोप लगाया. नतीजा ये हुआ कि आखिर में हुई संयुक्त प्रेसवार्ता से AAP नेता नदारद रहे.
इतना ही नहीं बैठक में उमर अब्दुल्ला और केजरीवाल के बीच असहमति देखी गई. केजरीवाल ने जब कहा कि दिल्ली को लेकर केंद्र के लाए अध्यादेश का बाकी दलों को भी विरोध करना चाहिए. तो जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि जब कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाया गया था, तब तो आपकी पार्टी ने हमारा समर्थन नहीं किया था.
बाद में इस मनमुटाव को सुलझाने के लिए एनसीपी नेता शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे आगे आए. उन्होंने कहा विपक्ष के नेताओं को एक साथ आना होगा और आपसी मतभेद दूर करने होंगे. इस दौरान ठाकरे और पवार ने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे विरोधी होने के बावजूद वो साथ आए.