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नौकरी के बदले जमीन घोटाला: लालू, राबड़ी, तेजस्वी यादव नहीं हुए कोर्ट में पेश, अब 6 जनवरी को होगी सुनवाई

लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में आरोपी लालू यादव बुधवार को अपने परिवार समेत कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं. उन्होंने पेशी में छूट मांगी है. यह केस 14 साल पुराना है. उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे. दावा है कि लालू ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था.

लालू यादव परिवार ने पेशी से छूट मांगी थी. (File Photo) लालू यादव परिवार ने पेशी से छूट मांगी थी. (File Photo)
संजय शर्मा/सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

Land For Job Scam: जमीन के बदले नौकरी मामले में राजद प्रमुख लालू यादव लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव बुधवार को कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं. तीनों ने अदालत में पेशी से छूट मांगी है. ऐसे में सुनवाई 6 जनवरी तक टल गई है.

बता दें कि लालू परिवार समेत 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाने हैं. आरोपी लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी ने पेशी से छूट मांगी तो अदालत ने मंजूर कर दी. इस मामले में कुछ आरोपियों की तरफ से चार्जशीट से जुड़े दस्तावेजों की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की गई है. कोर्ट ने CBI को संबंधित डाक्यूमेंट्स देने के लिए कहा है. राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी.

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तेजस्वी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे की मांगी इजाजत

वहीं, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने राउज एवेन्यू कोर्ट से ऑस्ट्रेलिया जाने की इजाजत मांगी है. वकील ने कोर्ट में कहा है कि तेजस्वी को 6 जनवरी को आधिकारिक दौरे पर जाना है. कोर्ट इस मसले पर 22 दिसंबर को सुनवाई करेगा.

नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में हाल ही में CBI ने आरोप पत्र दाखिल किया था. चार्जशीट में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और उनके बेटे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है.

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम 

लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है. उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे. दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था.

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सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं.

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