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Lalu Tejashwi summon: लालू, तेजस्वी और बाकी नामजद आरोपियों को कोर्ट ने किया समन, लैंड फॉर जॉब स्कैम में बड़ा झटका

नौकरी के बदले जमीन मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से लालू यादव को झटका लगा है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी और अन्य आरोपियों को तलब किया है. सभी नामजद आरोपियों को 11 मार्च को पेश होने का आदेश दिया गया है.

लैंड फॉर जॉब स्कैम लैंड फॉर जॉब स्कैम
सृष्टि ओझा/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST

नौकरी के बदले जमीन मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से लालू यादव को झटका लगा है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी और अन्य आरोपियों को तलब किया है. सभी नामजद आरोपियों को 11 मार्च को पेश होने का आदेश दिया गया है. स्पेशल CBI जज विशाल गोगने ने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर आरोपपत्रों पर संज्ञान लेने के बाद आदेश पारित किया.

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राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोपी पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, हेमा यादव, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव समेत सभी आरोपियों को जारी किया समन. इस मामले में CBI ने लालू यादव समेत 78 लोगों के खिलाफ कन्क्लूसिव चार्जशीट दाखिल की थी.

चार्ज शीट में आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए सबसे निचले स्तर की नौकरियां देने के एवज में भारी घोटाला किया. इसके तहत रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लालू प्रसाद यादव ने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई गई. जमीनों के बदले मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में रेलवे जोन में नौकरियां दी गईं. सभी आरोपियों को राउज एवेन्यू कोर्ट ने होली की छुट्टी से पहले 11 मार्च को पेश होने का दिया आदेश. इसमें भोला यादव, प्रेम चंद गुप्ता को तलब किया गया है. कोर्ट ने कहा कि आरोप है कि प्रेम चंद गुप्ता, लालू यादव के सहयोगी के तौर पर काम करते थे. 

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क्या है 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाला?

यह मामला पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर जोन में साल 2004 से 2009 के बीच ग्रुप-डी पदों पर हुई नियुक्तियों से जुड़ा है. आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उम्मीदवारों से उनके परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन हस्तांतरित करवाई गई थी और इसके बदले में उन्हें रेलवे में नौकरियां दी गईं.

सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले में अब तक 30 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है.

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