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J&K: नौशेरा में LoC के पास बारूदी सुरंग विस्फोट, सेना का एक जवान शहीद और 1 घायल

यह घटना सुबह करीब 10:30 बजे 80वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के तहत 17वीं सिख लाइट बटालियन के एरिया ऑफ रिस्पांसिबिलिटी (AOR) में फॉरवर्ड डिफेंस लाइन (FDL) से लगभग 300 मीटर की दूरी पर हुई.

जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में एलओसी पर लैंड माइन विस्फोट में सेना का एक जवान शहीद हो गया. (ANI/File Photo) जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में एलओसी पर लैंड माइन विस्फोट में सेना का एक जवान शहीद हो गया. (ANI/File Photo)
अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में एलओसी पर बारूदी सुरंग विस्फोट में सेना का एक जवान शहीद हो गया और एक अन्य घायल हो गया. यह घटना सुबह करीब 10:30 बजे 80वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के तहत 17वीं सिख लाइट बटालियन के एरिया ऑफ रिस्पांसिबिलिटी (AOR) में फॉरवर्ड डिफेंस लाइन (FDL) से लगभग 300 मीटर की दूरी पर हुई. जब विस्फोट हुआ तब सेना के दोनों जवान नियंत्रण रेखा पर नियमित निगरानी कर रहे थे. 

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भारतीय सेना के पीआरओ ने एक बयान में कहा, '18 जनवरी को सुबह लगभग 10ः30 बजे नौशेरा में एलओसी के पास लैंड माइन विस्फोट की घटना हुई, जिसमें सेना के दो जवान घायल हो गए. दोनों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करके उधमपुर कमांड हाॅस्पिटल लाया गया. यहां डाॅक्टरों ने एक जवान को मृत घोषित कर दिया, जबकि दूसरे का इलाज चल रहा है'.

 पुंछ में सेना के काफिले पर हमले में शहीद हुए थे 5 जवान

पिछले साल 21 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में थानामंडी-सूरनकोट रोड पर सावनी इलाके में जवानों को ले जा रहे सेना के ट्रक पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया था. इस हमले में पांच सैन्यकर्मियों शहीद हो गए थे. जम्मू स्थित रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने इस आतंकी हमले के बारे में जानकारी देते हुए कहा था, 'रात में पुंछ जिले के थानामंडी सूरनकोट क्षेत्र में ढेरा की गली के सामान्य क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया था, जिसमें कई सैनिक तैनात थे. जब अतिरिक्त बल ऑपरेशन साइट पर जा रहे थे, तभी उनके काफिले में शामिल एक ट्रक और एक जिप्सी पर आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए'.

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पुंछ हमले के बाद सेना ने पूछताछ के लिए आठ स्थानीय नागरिकों को हिरासत में लिया था. इनमें से 3 घटना के अगले दिन उसी स्थान पर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे, जहां सेना के काफिले पर आतंकियों ने हमला किया था. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मृत नागरिकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की थी. सेना ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आंतरिक जांच शुरू की और ब्रिगेडियर रैंक के एक अधिकारी को ऑफ ड्यूटी करके जम्मू-कश्मीर से बाहर ट्रांसफर कर दिया था.

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