Advertisement

वायुसेना को मिला आखिरी लड़ाकू विमान राफेल, IAF ने किया जोरदार स्वागत

साल 2016 में फ्रांस और भारत के बीच 36 राफेल विमान का सौदा हुआ था. 60,000 करोड़ रुपये की इस डील में भारत को 36 राफेल विमान मिलने थे. इसमें से 35 पहले ही भारत आ चुके थे. राफेल की पहले खेप 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी.

IAF को 4.5 जनरेशन के लड़ाकू विमानों की पूरी डिलीवरी प्राप्त हो चुकी है IAF को 4.5 जनरेशन के लड़ाकू विमानों की पूरी डिलीवरी प्राप्त हो चुकी है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:17 PM IST

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन से साथ झड़प के बीच आखिरी राफेल विमान भारत पहुंच चुका है. 36वें राफेल विमान का वायु सेना स्टेशन हासीमारा पर वाटर कैनन सैल्यूट के साथ स्वागत किया गया. वायु सेना के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 36वें विमान को फ्रांस से लाया गया था और इसी के साथ IAF को 4.5 जनरेशन के लड़ाकू विमानों की पूरी डिलीवरी प्राप्त हो चुकी है.

Advertisement

बता दें क कि साल 2016 में फ्रांस और भारत के बीच 36 राफेल विमान का सौदा हुआ था. 60,000 करोड़ रुपये की इस डील में भारत को 36 राफेल विमान मिलने थे. इसमें से 35 पहले ही भारत आ चुके थे. राफेल की पहले खेप 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी. जिन्हें हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयर फोर्स स्टेशन में तैनात किया गया है. ये 36वां राफेल विमान विकासात्मक गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया था. फ्रांस ने इसके स्पेयर पार्ट्स को चेंज करके इसे भारत को सौंपा है.

गौरतलब है कि राफेल 4.5 जेनरेशन का एयरक्राफ्ट है, जिसने भारतीय वायुसेना की ताकत को कई गुना बढ़ाया है. चीन और पाकिस्तान से चलने वाली तनातनी के बीच राफेल के भारत आने से एयरफोर्स को काफी मजबूती मिली है. वायुसेना ने कुछ समय पहले ही राफेल से लंबी दूरी की Meteor मिसाइल और Scalp एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल का सफल टेस्ट किया था.

Advertisement

राफेल के शस्त्रागार में HAMMER मिसाइल को भी जोड़ा गया है. यह मिसाइल कम दूरी पर सटीक हमले करने में सक्षम है. वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए आने वाले 15-20 सालों में भारत 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट का ऑर्डर देने की तैयारी में है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement