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नोएडा एयरपोर्ट से परीचौक के बीच शुरू होगी लाइट रेल ट्रांजिट सर्विस, 30 जून तक रिपोर्ट सौंपेगी कंपनी

परियोजना क्रियान्वयन और निगरानी समिति ने मार्च में यमुना प्राधिकरण को LRT सिस्टम की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए थे. इसके तहत यमुना एक्सप्रेसवे के साथ-साथ बने 60 मीटर चौड़े रास्ते के किनारे एलआरटी ट्रैक बिछाया जाएगा.

नोएडा एयरपोर्ट से परीचौक के बीच लाइट रेल ट्रांजिट सेवा शुरू होगी (सांकेतिक तस्वीर) नोएडा एयरपोर्ट से परीचौक के बीच लाइट रेल ट्रांजिट सेवा शुरू होगी (सांकेतिक तस्वीर)
अरुण त्यागी
  • ग्रेटर नोएडा,
  • 13 जून 2024,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को परीचौक से जोड़ने के लिए अब पॉड टैक्सी नहीं चलाई जाएगी. इसके लिए प्लान में बदलाव हुआ है. अब परीचौक और नोएडा एयरपोर्ट के बीच लाइट रेल ट्रांजिट (LRT) चलाई जाएगी. इसको लेकर फीजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है. यमुना प्राधिकरण द्वारा इस रिपोर्ट को तैयार करने का जिम्मा जर्मन कंपनी सीमेंस और भारतीय कंपनी इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है. इस रिपोर्ट को 30 जून तक प्राधिकरण को सौंपना है. 

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प्राधिकरण की योजना यमुना एक्सप्रेसवे के समानांतर बनी 60 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे एलआरटी सिस्टम की लाइनें बिछाने की है. इससे ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के कई सेक्टरों की आपसी कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी. इससे पहले यमुना प्राधिकरण ने नोएडा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक पॉड टैक्सी चलाने की रिपोर्ट तैयार कराई थी. यह रिपोर्ट इंडिया पोर्ट रेल एंड रोपवे कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार की गई थी, लेकिन इसकी उच्च लागत, सीमित क्षमता और संचालन खर्च के कारण प्रदेश सरकार ने इस परियोजना को स्थगित कर दिया है. 

परियोजना क्रियान्वयन और निगरानी समिति ने मार्च में यमुना प्राधिकरण को LRT सिस्टम की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए थे. इसके तहत यमुना एक्सप्रेसवे के साथ-साथ बने 60 मीटर चौड़े रास्ते के किनारे एलआरटी ट्रैक बिछाया जाएगा. यह सड़क यमुना एक्सप्रेसवे के शुरुआती पॉइंट से शुरू होकर नोएडा एयरपोर्ट तक जाती है. इस सड़क के किनारे 120 मीटर चौड़ी ग्रीन बेल्ट भी है. 

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लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम से ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र आपस में आसानी से कनेक्ट होंगे. यह शहरी क्षेत्रों के भीतर परिवहन के लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. एलआरटी अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है और स्टील पहियों के कारण ऊर्जा की कम खपत होती है, जिससे संचालन लागत भी कम आती है. दुनिया के कई देशों में एलआरटी सिस्टम चल रहा है, जबकि पॉड टैक्सी की अधिकतम गति सिर्फ 40 किमी प्रति घंटा है. 

गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए 'नमो भारत रेल' परियोजना भी तैयार की गई है, जिसके लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है. इस परियोजना को प्रदेश सरकार से कंस्ट्रक्शन कॉस्ट के अप्रूवल का इंतजार है, यह रेल लाइन यमुना प्रदेश अथॉरिटी के कई सेक्टरों से होकर गुजरेगी.
 

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