
संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण के 13वें और रामनवमी के अवकाश के बाद पहले दिन सोमवार को दोनों सदन चलने की उम्मीद थी. लोकसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई, सदन में शांति भी थी लेकिन ऐसा लगा जैसे स्पीकर ओम बिरला पहले से ही सदन की कार्यवाही स्थगित करने का मूड बनाकर आए हों.
हुआ ये कि स्पीकर ओम बिरला ने आसन पर पहुंचते ही सदन के सदस्य गिरीश भालचंद्र बापट और पूर्व सांसद इनोसेंट के निधन की जानकारी दी. लोकसभा स्पीकर ने बापट और इनोसेंट के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और सदन में एक मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई.
इसके तुरंत बाद ही स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी. स्पीकर ओम बिरला ने जब लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की, तब सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से चल रही थी और किसी भी तरह का हो-हल्ला नहीं हो रहा था.
वहीं, दूसरी तरफ राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा कर दिया. विपक्ष की नारेबाजी और हंगामे के बीच सदन में स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के साथ ही सदस्यों ने अपने नाम के आगे अंकित पत्र सदन पटल पर रखे. इसके बाद विपक्ष की नारेबाजी और हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्यवाही भी दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
अडानी मुद्दे पर चर्चा, जेपीसी की मांग पर अड़ा विपक्ष
विपक्षी दल अडानी मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा और जेपीसी जांच की मांग पर अड़े हुए हैं. राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी समेत कई अन्य सांसदों ने सभापति को अडानी मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था. विपक्षी दलों की मांग है कि अडानी मुद्दे पर नियम 267 के तहत सदन में चर्चा हो और सरकार अडानी ग्रुप पर लगे आरोप की जांच के लिए जेपीसी गठित करे.
राहुल गांधी की अयोग्यता के बाद और आक्रामक हुआ विपक्ष
राहुल गांधी को पिछले दिनों लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी की अयोग्यता के बाद विपक्ष, सरकार पर और आक्रामक हो गया है. विपक्षी कांग्रेस राहुल गांधी को सदन में नहीं बोलने देने का आरोप लगाते हुए सरकार पर लगातार हमला बोल रही है. कांग्रेस का दावा है कि सरकार जानती है कि राहुल संसद में बोलेंगे तो अडानी का मुद्दा उठाएंगे और इसीलिए डर गई है.
क्या है अडानी मुद्दा जिसकी जेपीसी जांच की मांग कर रहा विपक्ष
अडानी ग्रुप को लेकर अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट जनवरी महीने में आई थी. इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता, शेयर के मूल्य में हेराफेरी, शेल कंपनियों के निवेश समेत कई आरोप लगाए गए थे. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई थी. अडानी ग्रुप में एलआईसी और एसबीआई का भी बड़ा निवेश है. विपक्ष इन सबकी जांच जेपीसी से कराने की मांग कर रहा है.