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लोकसभा चुनाव की घोषणा में अभी पखवाड़ा भर बचा है लेकिन राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं के लिए निर्वाचन आयोग ने अभी ही एक बार फिर आचार संहिता की याद दिला दी है. आयोग ने साथ ही चेतावनी भी दी है. आयोग ने साफ शब्दों में बता दिया है कि उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
आम चुनाव 2024 के मुद्दों में ईसीआई ने राजनीतिक पार्टियों को सार्वजनिक प्रचार अभियान में शिष्टाचार बनाए रखने के लिए चेतावनी देते हुए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आचार संहिता यानी एमसीसी के उल्लंघन के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात फिर से दोहराई.
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भाषणों में मर्यादा बरतने की दी सलाह
अपने सर्कुलर में पिछले चुनावों का हवाला देते हुए आयोग ने ऐसे कई उल्लंघनों का जिक्र किया है, जिनमें आचार संहिता की सख्तियों को चकमा देने के लिए अपनाए गए हथकंडों या तौर तरीकों का उपयोग किया गया था. हाल ही में हुए चुनावों में प्रचार अभियान में भाषणों, बयानों और बहस के स्तर में आई गिरावट का जिक्र किया.
निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को और शिष्टाचार और अत्यंत संयम बनाए रखने के लिए और सार्वजनिक अभियान में चुनावी बहस के "विषय" के आधार पर मर्यादा का स्तर बढ़ाने या बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सलाह दी है. आयोग ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियां बिना ठोस और तार्किक आधार के झूठे वायदे कर वोटर्स को गुमराह करने से बचें.
अपुष्ट तथ्य या सिर्फ कहीसुनी बातों के आधार पर विपक्षी नेता या कार्यकर्ताओं पर न इल्जाम लगाएं न ही सार्वजनिक आलोचना करें. प्रतिपक्षी नेता, उम्मीदवार या कार्यकर्ताओं की निजी जिंदगी को राजनीति में न घसीटें. ऐसी बातें न कहें जो उनके सार्वजनिक जीवन से ना जुड़ी हों.
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सोशल मीडिया पोस्ट को शेयर करते समय रखें ध्यान
चुनाव आयोग ने कहा कि सोशल मीडिया पर आए दिन आने वाली पोस्ट बिना पुष्टि या जांच के फॉरवर्ड करने से बचें. चुनाव प्रचार सभा, जलसे या रोड शो आदि के दौरान किसी भी धार्मिक या उपासना स्थल मसलन, मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरद्वारा या मठ आश्रम से वोटरों को किसी किस्म की अपील या बयान ना करें.
नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश
लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव प्रचार में महिलाओं के प्रति नैतिक मर्यादा का सदा ध्यान रखें. आयोग ने चेताया है कि जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 77 के तहत स्टार प्रचारकों के लिए तय नियमावली का पूरी निष्ठा और सख्ती से पालन करें. भाषणों में अमर्यादित भाषा या शब्दों का प्रयोग न हो.