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Lt. Gen BS Raju: सेना की इमेज बनाने और आतंकियों के सफाए में सूरमा है नए उप सेना प्रमुख

Lieutenant General BS Raju को भारतीय सेना का नया उप सेना प्रमुख (Vice Chief of Army Staff) बनाया गया है. 1984 से इंडियन आर्मी में सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल राजू सेना की इमेज सुधारने के लिए कई ऐसे काम किए हैं, जिनकी तारीफ पूरी दुनिया करती है. आइए जानते हैं उप सेना प्रमुख के बारे में...

इंडियन आर्मी के नए उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू. (फोटोः विकिपीडिया) इंडियन आर्मी के नए उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू. (फोटोः विकिपीडिया)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 7:30 PM IST
  • सेना संबंधी विषयों से किया ग्रेजुएशन
  • काउंटर टेरेरिज्म में US से पोस्ट ग्रेजुएशन

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू का पूरा नाम है बग्गावली सोमशेखर राजू (Baggavalli Somashekar Raju). 19 अक्टूबर 1963 में कर्नाटक के दवनागेरे जिले में जन्में. बीजापुर के सैनिक स्कूल में पढ़ाई की. इसके बाद पुणे के नेशनल डिफेंस एकेडमी से भर्ती हुई. इसके अलावा उन्होंने वेलिंग्टन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज और इंग्लैंड स्थित रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज से ग्रेजुएशन किया. कैलिफोर्निया स्थित मॉन्टेरे के नेवल पोस्टग्रैजुएट स्कूल से अपनी पीजी पूरी की. उन्होंने काउंटर टेरेरिज्म में अपना पोस्ट ग्रैजुएशन पूरा किया. 

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पत्नी शकुंतला राजू और बीएस राजू के दो बच्चे हैं. एक बेटा और एक बेटी. 1984 में बीएस राजू ने सेना के 11 जाट रेजिमेंट में ज्वाइन किया. जब 2011 में उन्हें ब्रिगेडियर बनाया गया तो उरी ब्रिगेड की जिम्मेदारी सौंपी गई. 2012 तक यहां की जिम्मेदारी निभाने के बाद उन्हें कई और महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया गया. 

जम्मू-कश्मीर की हर रणनीतिक और आंतरिक जानकारी रखते हैं बीएस राजू. (फोटोः पीटीआई)

जम्मू-कश्मीर में कर चुके हैं पांच बार ड्यूटी

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू को उत्तम युद्ध सेवा मेडल (UYSM), अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM), युद्ध सेवा मेडल (YSM) और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है. अपने करियर के दौरान जाट रेजिमेंट्स (11 और 15) और XV Corps के कमांडेंट भी रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू को जम्मू और कश्मीर की काफी ज्यादा जानकारी है. उन्होंने अपने करियर में पांच बार इस इलाके में ड्यूटी की है. 

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बुरहान वानी के बाद अशांत माहौल को ठीक किया

ये बात है 28 मार्च 2017 से 1 अप्रैल 2018 के बीच की. हिजुबल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में माहौल गर्म चल रहा था. फुटबॉल खिलाड़ी माजिद खान आतंक की राह पर जा रहा था. बीएस राजू के प्रयासों से वह वापस सामान्य जीवन जीने लगा. इस बीच लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने लेफ्टिनेंट उमर फयाज को मारने वाले आतंकियों को मार गिराने का सफल ऑपरेशन किया. 

बच्चों को भारतीय सेना के लिए प्रेरित करते थे, उन्हें आतंक का रास्ता न पकड़ने की सलाह देते थे. 

ह्यूमन एप्रोच ऑपरेशन चलाया

जिस दौरान लेफ्टिनेंट बीएस राजू घुसपैठ रोधी मिशन में लगे थे, उसी समय उन्होंने स्थानीय लोगों के बीच भारतीय सेना की इमेज सुधारने के लिए ह्यूमन एप्रोच ऑपरेशंस चलाए. वो स्थानीय बच्चों से मिलते थे. उनके लिए प्रतियोगिताएं कराते थे. अवॉर्ड्स देते थे. आतंकियों के उकसावे में आने से रोकते थे. जो भी युवा आतंक का रास्ता छोड़कर वापस आते थे, उन्हें सही जीवन जीने के लिए प्रेरित करते थे. उनके लिए समाज में अच्छी जगह बनाने का प्रयास करते थे. 

कंपनी कमांडर के साथ एक दिन

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सैनिकों और आम नागरिकों के बीच अच्छे रिलेशन बनाने के लिए 'कंपनी कमांडर के साथ एक दिन' नाम का कार्यक्रम शुरु किया था. इससे सैनिकों और नागरिकों के बीच काफी अच्छा संबंध स्थापित हुआ. बच्चे, युवा, महिलाएं और बूढ़ें सेना के इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे. 

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