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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे होंगे देश के अगले सेना प्रमुख, नियुक्ति को सरकार ने दी हरी झंडी

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे नए सेना प्रमुख नियुक्त किए गए हैं. मनोज पांडे ऑर्मी चीफ बनने वाले पहले इंजीनियर हैं.

मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 7:43 PM IST
  • वर्तमान में मनोज मुकुंद नरवणे सेना प्रमुख हैं
  • 30 अप्रैल को मनोज मुकुंद नरवणे सेवानिवृत्त हो रहे हैं

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lt Gen Manoj Pande ) देश के नए सेना प्रमुख होंगे. केंद्र सरकार ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा, 'सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को अगले सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है.'

आगामी 30 अप्रैल को लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को भारतीय सेना की कमान सौंपी जाएगी. मनोज पांडे देश के पहले इंजीनियर होंगे, जिन्हें सेना प्रमुख की कमान सौंपी जाएगी. वर्तमान सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे (General MM Naravane) इस माह के आखिर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

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मनोज मुकुंद नरवणे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ही सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं. जनरल नरवणे (General MM Naravane) को चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff, CDS) पद की प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे माना जा रहा है.

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे?
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था. वह स्टाफ कॉलेज, केम्बरली (यूके) से स्नातक हैं और उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू और दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज में हायर कमांड कोर्स में भी भाग लिया था. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अपनी 37 साल की सेवा में ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में सक्रिय भाग लिया है.

पिछले तीन महीनों में कुछ शीर्ष अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद पांडे सबसे वरिष्ठ बन गए हैं. लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला, जो सेना के प्रशिक्षण कमान (एआरटीआरएसी) की कमान संभाल रहे थे, 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए. कुछ अन्य वरिष्ठ जनवरी के अंत तक सेवानिवृत्त हो गए. लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती और लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे.

अपने 39 साल के सैन्य करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, एलओसी पर पैदल सेना ब्रिगेड, लद्दाख सेक्टर में एक पर्वतीय डिवीजन और उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली है. पूर्वी कमान का कार्यभार संभालने से पहले वह अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ का कार्यभार संभाल चुके हैं.

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