
लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट ने कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे यूपी के चर्चित नेता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने मधुमिता शुक्ला की बहन की याचिका पर नोटिस जारी कर यूपी सरकार से 8 हफ्तों में जवाब मांगा है. उधर, मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार से अमरमणि की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने दावा किया कि अमरमणि 11 साल से जेल ही नहीं गया, उसकी रिहाई का सवाल ही नहीं बनता. उधर, पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने भी अमरमणि को रिहा करने के फैसले पर सवाल उठाए तो सपा और कांग्रेस ने इस मामले में योगी सरकार पर निशाना साधा है.
क्या है मामला?
दरअसल, 9 मई 2003 लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप अमरमणि पर लगा था. हत्या के वक्त मधुमिता गर्भवती थी. डीएनए जांच में सामने आया था कि मधुमिता के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि का था. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. सीबीआई जांच के दौरान भी गवाहों को धमकाने के आरोप लगे, तो मुकदमे को देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट शिफ्ट करना पड़ा. देहरादून की अदालत ने अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजे रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार दिया, जबकि एक अन्य शूटर प्रकाश पांडेय को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. हालांकि बाद में नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रकाश पांडेय को भी दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी.
रिहाई पर मचा बवाल
कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की आजीवन कारावास की सजा को अच्छे आचरण की वजह से समाप्त कर दिया गया है. राज्यपाल की अनुमति से कारागार प्रसाशन एवं सुधार विभाग ने इसका आदेश जारी किया है. इस आदेश से पहले ही मधुमिता शुक्ला की बहन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं, हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
- मधुमिता की बहन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनावाई के दौरान पूछा कि क्या सब रिलीज हो गए. इस पर निधि की वकील कामिनी जायसवाल ने कहा कि कुछ देर पहले का ऑर्डर है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अमरमणि के बीस साल से कैद में रहने की बात सरकार कह रही है लेकिन 14 साल से वे हॉस्पिटल में ही हैं. जेल में तो रहे ही नहीं.
- इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार का जवाब आने दीजिए अगर आपकी दलीलों से हम सहमत होंगे तो वापस जेल भेज देंगे.
11 साल से जेल नहीं गया अमरमणि- मधुमिता की बहन
मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कहा, मैं यूपी के राज्यपाल और यूपी के मुख्यमंत्री से उनकी (त्रिपाठी दंपत्ति) रिहाई रोकने का अनुरोध करती हूं. RTI आवेदनों में कहा गया है कि अमरमणि वास्तव में कभी जेल नहीं गए. वह कुछ भी कर सकता है...अगर उसने मेरी हत्या कर दी तो इस केस की पैरवी करने वाला कोई नहीं बचेगा?
उन्होंने कहा, 2012 से 2023 तक अमरमणि जेल ही नहीं गया. जब जेल ही नहीं गया, तो सजा माफी की कैसे बात आ गई? पता नहीं चल रहा कि कौन सा शासन चल रहा है उत्तर प्रदेश. सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि को उम्रकैद की सजा बरकरार रखी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करा पाई सरकार. उम्रकैद क्या घर पर काटी जाती है. वह कभी जेल ही नहीं गया. हरिद्वार का कैदी गोरखपुर के अस्पताल में फाइव स्टार होटल की तरह रह रहा है. इसमें कौन सा अच्छा चाल चलन है.
पूर्व डीजीपी ने रिहाई पर उठाए सवाल
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि अमरमणि त्रिपाठी का रसूख और ख्याति हर कोई जानता है, इनका पूर्ण व्यवहार जेल में रहकर अपने साम्राज्य को चलाने वाला रहा है, ऐसे व्यक्ति की रिहाई पर रोक लगनी चाहिए. मैं इसका विरोध करता हूं और इस पर शासन को विचार करना चाहिए.
'हमारे बच्चों की हत्या करा देगा'
अमरमणि के बेटे अमनमणि की पत्नी सारा सिंह की मां सीमा ने भी अमरमणि की रिहाई का विरोध किया है. सारा सिंह की शादी अमनमणि से हुई थी. सारा की हत्या का आरोप अमनमणि पर लगा है. सारा की मां सीमा ने कहा, अमनमणि अतीक अहमद की तरह माफिया है. अमरमणि और वह बाहर निकलेगा तो हम लोगों, हमारे बच्चों की हत्या करवा देगा. अमरमणि और अमनमणि दोनों ने सारा सिंह की हत्या करवाई है. ऐसे में सरकार को उसको रिहा नहीं किया जाना चाहिए.
सपा-कांग्रेस ने योगी सरकार को घेरा
इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है. सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि अमरमणि त्रिपाठी को लेकर के सरकार की दोहरी नीति है जो लोग बलात्कारी, अत्याचारों दिल्ली में बैठी महिला खिलाड़ियों के साथ अन्याय कर सकते हैं वह यह सोचकर बताएं की रिहाई कितनी जायज है. इस मामले में कोर्ट का जो फैसला है वह सर्वोपरि है, भले ही अमनमणि किसी भी पार्टी के विधायक रहे हैं कोर्ट का आदेश ऊपर होना चाहिए और इस मुद्दे पर सरकार संवेदनशील हो.
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि अगर योगी सरकार को मानवता दिखानी है तो पीड़ित परिवार की प्रति दिखाएं. अपराधी और हत्या के आरोपी के पक्ष में दिखने की क्या जरूरत है. क्या वोटों की राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं यह समाज के लिए गलत संदेश है.
कौन हैं अमरमणि त्रिपाठी ?
महराजगंज जिले का नौतनवां विधानसभा (पूर्व में लक्ष्मीपुर था) प्रदेश की उन चुनिंदा विधानसभा क्षेत्र में शामिल है, जहां चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश की नजर रहती है. जिसके मुख्य कारण हैं अमरमणि त्रिपाठी. इस विधानसभा से अमरमणि कई बार विधायक रहे और कल्याण सिंह की सरकार में पहली बार अमरमणि त्रिपाठी मंत्री बने. उसी सरकार में एक अपहरणकांड में अमरमणि का नाम सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया.
बाद में मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा होने के बाद सियासत में त्रिपाठी परिवार की चमक को बरकरार रखने के लिए अमरमणि ने अपने पुत्र अमनमणि को चुनावी मैदान में उतारा. पहली बार 2012 में सपा के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे अमनमणि अपने परिवार के चिर प्रतिद्वंद्वी कुंवर कौशल किशोर सिंह से चुनाव हार गए, लेकिन सत्रहवीं विधानसभा में मोदी लहर के बाद भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अमनमणि ने जेल में बंद रहते हुए नामांकन दाखिल किया था, बहनें प्रचार में उतरीं. जिसके बाद विधानसभा चुनाव में जीत का सेहरा अमनमणि के सिर बंधा. वह पहली बार विधायक बने.
2013 से गोरखपुर में चल रहा इलाज
अमरमणि और मधुमणि को 24 अक्टूबर 2007 को देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद वे हरिद्वार के जेल में बंद रहे. दिसंबर 2008 को मधुमणि गोरखपुर जेल ट्रांसफर कर दिया गया. मार्च 2012 को अमरमणि को भी गोरखपुर जेल भेज दिया गया . इसके बाद बीमार होने पर 27 फरवरी 2013 को अमरमणि को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया और उनकी पत्नी मधुमणि को 13 मार्च 2013 को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया और तभी से इनका इलाज मानसिक विभाग में चल रहा है.