
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल कर इतिहास रच दिया है. मध्य प्रदेश में पार्टी का वोट शेयर 48.5 फीसदी रहा, जो कि अब तक का सबसे अधिक है. शुरुआत में मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबले को 'कांटे की टक्कर' माना जा रहा था लेकिन यह लड़ाई उस समय एकतरफा हो गई, जब बीजेपी ने लगभग 100 सीटों पर मजबूत बढ़त बना ली थी. लेकिन बीजेपी इतनी बड़ी जीत कैसे हासिल कर पाई? इसके लिए बीजेपी की रणनीति की बैकस्टोरी जानना बहुत जरूरी है.
दरअसल बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को अगस्त में ही अहसास हो गया था कि चुनावी रणनीति में पार्टी अभी भी पीछे है इसलिए तय रणनीति के तहत चार सूत्रीय योजना तैयार की गई. इस योजना के तहत चुनाव तारीख से लगभग तीन महीने पहले ही कई उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया गया.
हालांकि, सीएम उम्मीदवार के तौर पर शिवराज सिंह चौहान के नाम को पेश करने से परहेज किया गया क्योंकि पार्टी के समर्थकों का एक धड़ा सीएम के तौर पर नया चेहरा चाहता था. वहीं, पार्टी ने लोकलुभावन योजनाओं, महिलाओं मतदाताओं के लिए विशेष स्कीम के साथ 'लाडला मामला' और 'लेजेंड मोदी' के सहारे जीत की स्क्रिप्ट लिखी.
लाभार्थी
मध्य प्रदेश चुनाव में बीजेपी के लिए वोट करने वाले वोटर्स में ऐसे लोगों की भारी तादाद रही, जो केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थी थे. गरीब और सामाजिक एवं आर्थिक स्तर पर पिछड़े लोगों ने बीजेपी के लिए वोट किया. इससे मतदाताओं को लुभाने के कांग्रेस के प्रयासों को झटका लगा. बीजेपी ने 'लाडली बहना' योजना के जरिए कांग्रेस पार्टी की जीत की संभावनाओं पर पानी फेर दिया. बीजेपी ने पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगे और गरीब कल्याण की नीतियों के दम पर जनता में विश्वसनीयता हासिल की.
महिला मतदाता
बीजेपी का समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं मतदान केंद्र पहुंची थीं और इसका श्रेय लाडली बहना योजना को जाता है. चौहान सरकार ने 1000 रुपये से 1250 रुपये लगभग 1.32 करोड़ महिलाओं के खाते में ट्रांसफर किए. इस योजना को मध्य प्रदेश में एक्स फैक्टर के तौर पर देखा गया. महिलाओं ने कांग्रेस की तुलना में बीजेपी के लिए बढ़-चढ़कर वोट किया.
लाडला मामा
इसमें कोई शक नहीं है कि शिवराज सिंह चौहान उन पांच बड़े कारणों में से एक हैं, जिस वजह से मतदाताओं ने बीजेपी को वोट किया. राजनीति में मामा कहे जाने वाले चौहान को 36 फीसदी लोगों ने सूबे के अगले संभावित मुख्यमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया था. एक्सिस माइ इंडिया के सर्वे में कमलनाथ को सीएम पद के लिए 30 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया था.
चौहान ने चुनाव के दौरान पूरे राज्य में बिना थके 160 से अधिक रैलियां कीं जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी सिर्फ अपनी अपनी सीटों पर ही प्रचार करते रहे. कांग्रेस ने इस चुनाव को राष्ट्रपति चुनाव में तब्दील कर दिया था लेकिन मामा के लिए कमलनाथ कोई प्रतिस्पर्धा थे ही नहीं.
लहर मोदी
पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में चुनाव के लिए खूब जोरों-शोरों से प्रचार किया. उन्होंने मतदाताओं तक पहुंचने के लिए 14 रैलियां और रोड शो किए. फिर चाहे युवा हो, किसान, महिलाएं, आदिवासी या फिर गरीब तबका हो, वह हर वर्ग तक पहुंचे. सात फीसदी बीजेपी मतदाताओं ने मोदी फैक्टर की वजह से बीजेपी को वोट किया.
बीजेपी के प्रचार की थीम 'एमपी के मन में मोदी, मोदी के मन में एमपी' थी, जिसे लोगों ने खूब पसंद भी किया. लोगों का कहना है कि मोदी का नाम ही मतदाताओं में विश्वसनीयता, सम्मान और अपनेपन की भावना लेकर आता है, जिसने मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत पर एक तरह से मुहर लगा दी.