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मध्य प्रदेशः कॉलेजों में पढ़ाई जाएंगी RSS पदाधिकारियों द्वारा लिखी किताबें, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

सभी कॉलेज भारतीय ज्ञान पंरपरा प्रकोष्ठ के लिए एक-एक किताब क्रय की जानी है. किताबों की सूची पत्र के साथ संलग्न की जा रही है. किताबों की खरीदी के खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए सरकारी कॉलेजों की जनभागीदारी मद और निजी कॉलेजों में संस्था की निधि से सक्षम अनुमति से की जाएगी.

सांकेतिक तस्वीर (Meta AI) सांकेतिक तस्वीर (Meta AI)
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:08 AM IST

मध्यप्रदेश के शासकीय और प्राइवेट कॉलेजों में कोर्स से जुडी किताबों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कुछ किताबों के लेखक आरएसएस से जुड़े हुए बड़े नाम हैं जिसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति उठायी है. 

दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और निजी कॉलेजों के संचालकों को आदेश देते हुए लिखा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा से परिचित कराने के लिए सभी कॉलेजों में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ का गठन तथा गतिविधियों के संचालन के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं.

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सभी कॉलेज भारतीय ज्ञान पंरपरा प्रकोष्ठ के लिए एक-एक किताब क्रय की जानी है. किताबों की सूची पत्र के साथ संलग्न की जा रही है. किताबों की खरीदी के खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए सरकारी कॉलेजों की जनभागीदारी मद और निजी कॉलेजों में संस्था की निधि से सक्षम अनुमति से की जाएगी. इस आदेश के साथ किताबों की जो सूची संलग्न की गई है उनमें 88 किताबें हैं, लेकिन इनमें से कुछ किताबें संघ से जुड़े सुरेश सोनी, अतुल कोठरी और देवेंद्र राव देशमुख समेत कुछ अन्य संघ नेताओं द्वारा लिखी गयी है.

कांग्रेस ने जताई आपत्ति 
कांग्रेस ने संघ नेताओं द्वारा लिखी किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल करने का विरोध किया है. पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया की बीजेपी शासित सरकार संघ की घृणा और नफरत के एजेंडे को पाठ्यक्रम में शामिल करवाना चाहती है लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी और ज़रूरत पड़ने पर इस मामले को लेकर कांग्रेस कोर्ट भी जा सकती है.

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