
मद्रास हाईकोर्ट ने पत्नी की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद एक फ्रंटलाइन वर्कर के शव परीक्षण (ऑटोप्सी) का आदेश दिया, जिसकी मौत टीका लगाए जाने के कारण हो गई.
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने गुरुवार को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) और जेआईपीएमईआर से फॉरेंसिक विशेषज्ञों और पैथोलॉजिस्ट को शामिल करने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने यह आदेश 40 साल के फ्रंटलाइन वर्कर की कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के कारण हुई मौत के बाद पत्नी के आरोपों के बाद दिया.
मनोहर की पत्नी अंबिका ने बताया कि उनके पति को कथित तौर पर 21 जनवरी को उनकी इच्छा के खिलाफ टीका लगाया गया और फिर 30 जनवरी को उनकी मृत्यु हो गई.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हालांकि यह संदेह के दायरे में है, प्रतिवादी को साल 2015 के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए, यानी प्रतिकूल घटना के बाद टीकाकरण संचालन संबंधी दिशा-निर्देश.
जस्टिस एमएम सुदर्शन ने एईएफआई दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए शव परीक्षण (ऑटोप्सी) सर्जन, पैथालॉजिस्ट और फॉरेंसिक विशेषज्ञ की एक टीम बनाते हुए शव परीक्षण का आदेश दिया.