
प्रवर्तन निदेशालय के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने 5 दिसंबर को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम के तहत एक अस्थायी कुर्क आदेश जारी किया है. इसमें महादेव बेटिंग ऐप मामले में 387.99 करोड़ रुपये की अतिरिक्त संपत्तियां जब्त की गई हैं.
जब्त की गई संपत्तियों में चल-अचल संपत्तियां शामिल हैं, जिनमें मौरीशस स्थित कंपनी, टानो इनवेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज फंड द्वारा फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के माध्यम से हरी शंकर तिब्रेवाल से संबंधित निवेश शामिल हैं.
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ये चल संपत्तियां और छत्तीसगढ़, मुंबई और मध्यप्रदेश में स्थित अचल संपत्तियां महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों, पैनल ऑपरेटर्स और प्रमोटरों के सहयोगियों के नाम पर हैं.
महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप एक सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए यूजर्स को साइन अप करने, यूजर आईडी बनाने और कई स्तर के फर्जी बैंक अकाउंट्स के जाल से फंड्स की हेराफेरी करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है.
पहले दो अस्थायी कुर्क आदेश जारी किए गए
मामले की जांच में अब तक 19.36 करोड़ रुपये की नकद राशि और 16.68 करोड़ रुपये के कीमती सामान जब्त किए गए हैं. इनके अलावा बैंक बैलेंस और सिक्योरिटीज के रूप में कुल 1729.17 करोड़ रुपये की चल संपत्तियां भी फ्रीज की गई हैं. इससे पहले, इसी मामले में 142.86 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त करने के लिए दो अस्थायी कुर्क आदेश जारी किए जा चुके हैं.
अब तक 2295.61 करोड़ रुपये की संपत्तिया कुर्क
इस तरह, कुल 2295.61 करोड़ रुपये (लगभग) की अपराधी आय इस मामले में जब्त/फ्रीज/कुर्क की गई हैं. जांच के दौरान, ईडी ने अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है और PMLA कोर्ट में चार अभियोजन शिकायतें दायर की हैं. मामले में आगे की जांच जारी है.