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महाकुंभ में नाविक बना लखपति, सीएम योगी ने सुनाई सक्सेस स्टोरी...  जानिए, अंग्रेजों ने नाव वालों से कितना लिया था टैक्स

सीएम योगी के विधानसभा में दिए गए इस बयान से एक बार फिर से कुंभ के इतिहास का वो पन्ना खुल गया है, जब देश पर अंग्रेजी हुकूमत कायम थी और अंग्रेजों ने कुंभ के आयोजन को कमाई का बड़ा जरिया माना था. इस दौरान अंग्रेजों ने कुंभ आयोजन और इसके साथ ही कुंभ से जुड़ी रीतियों पर भी उस समय के मुताबिक भारी-भरकम टैक्स लगाए थे.

CM योगी ने विधानसभा में सुनाई नाविक की सक्सेस स्टोरी CM योगी ने विधानसभा में सुनाई नाविक की सक्सेस स्टोरी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 6:55 AM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ-2025 के आयोजन का अब समापन हो चुका है, लेकिन कुंभ को लेकर हो रही राजनीतिक रार अभी थमने का नाम नहीं ले रही है, जहां एक तरफ प्रदेश सरकार कुंभ के दौरान अपनी उपलब्धियां बता रही है तो वहीं विपक्षी दल तमाम तरह के आरोप लगा रहे हैं.

इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में महाकुंभ को लेकर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में करोड़ों लोग आए और छेड़खानी, लूट, हत्या जैसी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. इस दौरान उन्होंने एक नाविक की सफलता की कहानी भी शेयर की, जिसने महाकुंभ के आयोजन के दौरान 23 लाख रुपये की कमाई की है. 

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अंग्रेजों ने कुंभ पर लगाए थे भारी-भरकम टैक्स
सीएम योगी के विधानसभा में दिए गए इस बयान से एक बार फिर से कुंभ के इतिहास का वो पन्ना खुल गया है, जब देश पर अंग्रेजी हुकूमत कायम थी और अंग्रेजों ने कुंभ के आयोजन को कमाई का बड़ा जरिया माना था. इस दौरान अंग्रेजों ने कुंभ आयोजन और इसके साथ ही कुंभ से जुड़ी रीतियों पर भी उस समय के मुताबिक भारी-भरकम टैक्स लगाए थे. इस दौरान अंग्रेजों ने  नाविकों से भी हजारों में टैक्स वसूले थे. अंग्रेजी सरकार की इस नीति के कारण लोगों में बड़ा रोष भी था. 

नाविकों से वसूले गए थे इतने रुपये
ये बात साल 1894 के दौरान हुए कुंभ आयोजन की है. इसका जिक्र लेखक धनंजय चोपड़ा ने अपनी किताब, 'भारत में कुंभ' में किया है. प्रयागराज के क्षेत्रीय अभिलेखागार में अंग्रेजों के समय में आयोजित हुए कुंभ की बेहद जरूरी जानकारियां दर्ज हैं. यह लेखा-जोखा तत्कालीन मजिस्ट्रेट एचवी लावेट ने तैयार किया था. इसमें दर्ज ब्यौरे के मुताबिक, अंग्रेजों ने नाइयों से 1332 रुपये, मालियों से 1600 रुपये, दूध बेचने वालों से 1064 रुपये, फेरी वालों से 1440 रुपये टैक्स की वसूली की थी. वहीं अंग्रेजी सरकार ने नाविकों से कुंभ के दौरान 3311 रुपये की रकम वसूली बतौर टैक्स की थी, जो कि उस दौर के अनुसार एक बड़ी रकम थी. 

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सदन में क्या बोले सीएम योगी? 
मंगलवार को सदन को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, 'आपने कहा हम सांप्रदायिक हैं, बताइए हम कहां से सांप्रदायिक हैं. हमारा तो आदर्श है सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया और उसका सबसे आदर्श उदाहरण महाकुंभ का आयोजन है. महाकुंभ में भारत के विकास और विरासत की छाप दिखाई दी. क्या कुंभ में किसी के साथ भेदभाव हुआ, किसी के साथ न जाति का, न क्षेत्र का, न मत और न ही मजहब का, कोई भेदभाव नहीं हुआ.'

45 दिनों में 1 नाव से 23 लाख रुपये की कमाई
इसी दौरान उन्होंने विधानसभा में कुंभ के दौरान एक नाविक परिवार की सफलता की कहानी शेयर की. उन्होंने कहा, 'मैं एक नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी यहां बता रहा हूं. इस नाविक परिवार के पास 130 नौकाएं थीं. 45 दिनों की अवधि में इन लोगों ने शुद्ध बचत की है 30 करोड़ रुपये की. यानी 1 नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपये की कमाई की.' समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव पर तंज कसते हुए सीएम योगी ने कहा, 'चाचा महाकुंभ जाना चाहते थे लेकिन चूक गए.'

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