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महाराष्ट्र (Maharashtra) में बदलापुर के एक स्कूल में मामूस बच्चियों के साथ शोषण का आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि ये घटना उस वक्त हुई, जब पुलिस टीम अक्षय को तलोजा जेल से अपने साथ ले जा रही थी. इस घटना के बाद, महाराष्ट्र की सियासत गर्म है और विपक्षी नेता एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं. सत्तारूढ़ महायुति सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है और इसे सबूत खत्म करने की चाल बताया जा रहा है क्योंकि जिसका स्कूल में घटना हुई, उसका स्वामित्व एक बीजेपी नेता के पास था.
एनकाउंटर के बाद पुलिस ने बताया कि आरोपी को एक वेहिकल में ले जाया जा रहा था, तभी उसने सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे की पिस्तौल छीन ली और एस्कॉर्टिंग पुलिस टीम पर गोली चला दी, जिससे तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस की जवाबी फायरिंग में शिंदे मारा गया. जानकारी के मुताबिक, एसआईटी टीम उस जगह पर पहुंची है, जहां एनकाउंटर हुआ था.
'मामला खत्म कर दिया गया'
एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि हथकड़ी लगे किसी व्यक्ति के लिए गोली चलाना मुमकिन नहीं है.
देशमुख ने कहा, "जब अक्षय शिंदे के दोनों हाथ बंधे हुए थे, तो वह गोली कैसे चला सकता था? जिस स्कूल की बात हो रही है, वह बीजेपी नेता का है. इस घटना को दबाने की शुरू से कोशिश की जा रही है और एनकाउंटर करके मामले को खत्म कर दिया गया है. इस घटना की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जानी चाहिए."
'मुझे यकीन नहीं कि महाराष्ट्र पुलिस...'
एनसीपी (SP) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह घटना महाराष्ट्र में 'कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली का पूरी तरह से फेल होना' है, जबकि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने इसे 'महाराष्ट्र पुलिस के लिए काला दिन' कहा है.
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "आरोपी की निर्मम हत्या की गई. कोई भी यह यकीन नहीं करेगा कि यह एनकाउंटर था. मैंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से जांच की मांग की है, जो उस वक्त मुंबई में थे. मुझे यकीन नहीं है कि मौजूदा सरकार के तहत महाराष्ट्र पुलिस इंसाफ कर पाएगी. इस अपराध के असली अपराधियों का कभी पता नहीं चल पाएगा."
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"क्या शासन जवाब देगा?"
शिवसेना (UBT) लीडर आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए एनकाउंटर पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, "बदलापुर स्कूल के ट्रस्टी कहां हैं? उन्हें बीजेपी-मिंधे सरकार क्यों संरक्षण दे रही है? वामन म्हात्रे के बारे में क्या कहना है, जिन्होंने एक पत्रकार से पूछा कि वह इस घटना पर ऐसे सवाल क्यों उठा रही है, जैसे उसके साथ ही रेप हुआ हो. उन्हें क्यों बचाया जा रहा है?"
आदित्य ठाकरे ने सवाल करते हुए कहा, "क्या विरोध करने वाले नागरिकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे? उनके साथ गुंडों जैसा व्यवहार किया गया. वे तो सिर्फ पुलिस द्वारा एक हफ्ते तक पीड़ित की शिकायत दर्ज करने से इनकार करने के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे थे."
आदित्य ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए सवाल खड़ा किया और कहा, " पुलिस स्टेशन किसको बचा रहा था? ऐसा माना जा रहा है कि स्कूल के ट्रस्टी बीजेपी से जुड़े हुए हैं और उन्हें बचाया जा रहा है. क्या यह सच है? क्या शासन जवाब देगा?"
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