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विधानसभा में बेहद भावुक हुए CM शिंदे, याद आई आंखों के सामने अपने बच्चों के डूबने की घटना

एकनाथ शिंदे ने एक हादसे में अपने 2 बच्चों को खो दिया था. उनका बेटा और बेटी उनकी आंखों के सामने सतारा में डूब गए थे. इस घटना के बाद शिंदे एकांतप्रिय हो गए थे. उन्होंने राजनीति छोड़ दी थी.

CM एकनाथ शिंदे ने विधानसभा को संबोधित किया. CM एकनाथ शिंदे ने विधानसभा को संबोधित किया.
ऋत्विक भालेकर
  • मुंबई,
  • 04 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST
  • महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने विधानसभा को संबोधित किया
  • कहा- बालासाहेब की सीख ने शोषण से लड़ने की हिम्मत दी

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने सोमवार को विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है. पहली बार सीएम शिंदे ने विधानसभा के सदस्यों को संबोधित किया. इस दौरान शिंदे ने उस वाक्ये को भी याद किया, जब उनकी आंखों के सामने बेटा-बेटी की डूबने से मौत हो गई थी. उन्होंने विधानसभा में ये भी कहा कि मैं गद्दार नहीं हूं.

शिंदे विधानसभा भाषण में बेहद भावुक हो गए. उन्होंने याद किया कि कैसे उनके बच्चों की सतारा में डूबने से मौत हो गई थी और वे सार्वजनिक जीवन से बाहर आ गए थे. लेकिन उन्होंने फिर से शिवसेना के लिए काम करना शुरू किया और संगठन में काम किया.

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बता दें कि एक हादसे में शिंदे ने अपने 2 बच्चों को खो दिया था. उनका बेटा और बेटी उनकी आंखों के सामने सतारा में डूब गए थे. इस घटना के बाद शिंदे एकांतप्रिय हो गए थे. उन्होंने राजनीति छोड़ दी थी. वह तब शिवसेना के पार्षद थे. लेकिन आनंद दिघे उन्हें दोबारा सार्वजनिक जीवन में वापस लाए और उन्हें ठाणे नगर निगम में सदन का नेता बनाया.

विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं CM के रूप में भाषण दे रहा

सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना की भाजपा सरकार का बालासाहेब ठाकरे का सपना पूरा हो गया है. पिछले 20 दिनों से सभी 50 विधायकों ने मुझ पर और मेरे फैसले पर विश्वास किया. मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं. मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में भाषण दे रहा हूं. यह घटना ऐतिहासिक है. क्योंकि हमने गठबंधन छोड़ने का साहस किया है.

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मुझे उद्धव ने किया था फोन

शिंदे ने कहा कि अपने मिशन के लिए निकलने से एक दिन पहले मैं परेशान था. विधान परिषद के लिए मतदान के दिन मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया. सीएम ने भी मुझे फोन किया और पूछा कि कहां जा रहे हो? तुम वापस कब आओगे? मैंने कहा मुझे नहीं पता. लेकिन बालासाहेब की सीख ने मुझे वापस लड़ने की हिम्मत दी. मुझे उन 50 विधायकों पर गर्व है जिन्होंने मेरा समर्थन किया. मुझसे किसी ने नहीं पूछा कि हम कहां जा रहे हैं या हमें एक बार सीएम से मिलना चाहिए. उन सभी ने देखा है कि मेरे साथ कैसा व्यवहार किया गया.

शिंदे के घर पथराव करने वाला पैदा नहीं हुआ

एक पॉइंट पर उन्होंने (उद्धव) लोगों को चर्चा करने के लिए भेजा, एक और पॉइंट पर उन्होंने मुझे नेता सदन के पद से हटा दिया. उन्होंने हमारे घरों पर हमला करने का भी आदेश दिया, लेकिन मैं आपको बता दूं कि एकनाथ शिंदे के घर पर पथराव करने के लिए कोई पैदा नहीं हुआ है. मैंने पिछले 35 सालों से शिवसेना में दिन-रात काम किया है.

शिंदे ने कहा कि मैं देवेंद्र फडणवीस जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे (पिछली सरकार में) मंत्री के रूप में काम करने का मौका दिया. और मैं समृद्धि महामार्ग परियोजना पर काम कर सका. उन्हें 2019 में शिवसेना को भी डिप्टी सीएम का पद देना था.

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तब मुझे गैंगस्टर मारने की फिराक में थे

मैं ही था जिसने 16 डांस बार हटवा दिए थे. मेरे खिलाफ 100 से ज्यादा मामले हैं. गैंगस्टर मुझे मारने की फिराक में थे. लेकिन मैं नहीं रुका. आनंद दिघे ने उन शेट्टी (बार के मालिक) को बुलाया और चेतावनी दी कि अगर एकनाथ पर एक खरोंच भी आई तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

मैं सीएम का दावेदार था...

देवेंद्र फडणवीस ने मुझे एक बार कहा था कि शिवसेना को एनडीए गठबंधन में डिप्टी सीएम का पद मिलने वाला है, लेकिन मुझे पता था कि शिवसेना उस पद को कभी स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि मुझे ही यह दिया जाना था. मुझे शिवसेना का सीएम बनना था, यह सच है. लेकिन अजीत पवार और कुछ ने इसका विरोध किया जो मुझे बताया गया था. लेकिन एक बार अजित पवार ने एक बैठक में कहा था कि हमारा सीएम एक्सीडेंट है. मैंने उनसे मुलाकात के बाद पूछा कि क्या उन्होंने सीएम के तौर पर मेरा विरोध किया? उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है, यह आपकी पार्टी का फैसला है. हम सावरकर, दाऊद के अपने मंत्रियों से संबंध, संभाजी नगर के नामकरण पर बात नहीं कर सके. हम इस तरह कितनी देर तक चुप बैठ सकते थे.
 

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