
महाराष्ट्र के नासिक में एक बांध परियोजना को पूरा होने में 53 साल का लंबा समय लगा है. यह बांध परियोजना 1970 में पेश की गई थी लेकिन इसका काम 2023 में जाकर पूरा हुआ है. इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि यह बांध आठ करोड़ रुपये में बनकर तैयार हो जाना था लेकिन इसे तैयार करने में पांच हजार करोड़ से अधिक की लागत आई है.
महाराष्ट्र के अहमदनगर में यह बांध बुधवार को खुल गया. इस बांध परियोजना के लिए 53 साल पहले मंजूरी दी गई थी. लेकिन 2023 में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसका उद्घाटन किया.
बांध से 125 गांवों को पीने का पानी मिलेगा
इस बांध से 68 हजार हेक्टेयर खेत की सिंचाई हो सकेगी. साथ में इस योजना से 125 गांवों को पीने का पानी मिलेगा. लेकिन अभी भी यह सवाल बना हुआ है कि एक बांध को आखिर क्यों पांच दशक तक लटकाकर रखा गया. 1970 से 2023 तक की इस लंबी अवधि में महाराष्ट्र में 22 मुख्यमंत्रियों का शासन रहा और इस बीच काम को लटकाने की संस्कृति जारी रही.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काम को लटकाने वाली इसी संस्कृति पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमारी सरकार ने लटकाने भटकाने वाली इस पुरानी संस्कृति को पूरी तरह बदल दिया है.
बता दें कि जिस योजना को औसत तीन से चार साल में पूरी हो जाना था. उसे पूरा होने में 53 साल इसलिए लगे क्योंकि पूर्व की सरकारों ने इस परियोजना में लापरवाही बरती. इसी लापरवाही का नतीजा रहा कि इस बांध को तैयार करने में अतिरिक्त 5169 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े.
(रिपोर्ट: प्रवीण ठाकरे)