
सिंधुदुर्ग में शिवाजी की प्रतिमा ढहने पर महाराष्ट्र की सियासत में हंगामा मच गया है. शिवसेना (UBT) और एनसीपी सहित तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर शिंदे सरकार को घेर रहे हैं. इस मामले में ठेकेदार के साथ-साथ निर्माण करने वाली कंपनी के मालिक के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है. आइए आपको बताते हैं कि 35 फीट ऊंची शिवाजी की प्रतिमा ढहने के मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है.
इस प्रतिमा को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में भारतीय नौसेना की तरफ से बनवाया गया था. प्रतिमा के निर्माण का काम आर्टिसरी कंपनी को मिला था. पीएम मोदी ने 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर प्रतिमा का अनावरण किया था. शिवाजी महाराज के दूरदर्शी प्रयासों को श्रद्धांजलि देते हुए, यह प्रतिमा महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में स्थापित की गई थी.
कितनी लागत से बनी थी प्रतिमा
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने पर 2.4 करोड़ रुपये की लागत आई थी. 1 नवंबर 2018 महाराष्ट्र कैबिनेट ने प्रोजेक्ट को एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल दिया था जिसमें साइट का सर्वेक्षण और जांच से लेकर पुलिस द्वारा सुरक्षा उपाय शामिल थे.
अब तक क्या एक्शन हुआ?
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. शिकायत में ठेकेदार और आर्टिसरी कंपनी के मालिक जयदीप आपटे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट डॉक्टर चेतन पाटिल पर लापरवाही और काम की खराब गुणवत्ता के साथ-साथ प्रतिमा के आसपास के लोगों को संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
असिस्टेंट इंजीनियर ने दर्ज कराई शिकायत
जयदीप आपटे कल्याण में रहते हैं, जबकि डॉक्टर पाटिल कोल्हापुर के रहने वाले हैं. दोनों पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं, विशेष रूप से धारा 109, 110, 125 और 318 (3) (5) के तहत मामला दर्ज किया गया है. प्रतिमा ढहने के संबंध में एक असिस्टेंट इंजीनियर और पीडब्ल्यूडी अधिकारी अजीत पाटिल ने सिंधुदुर्ग पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
नौसेना ने मरम्मत के लिए भेजी टीम
भारतीय नौसेना ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान के बारे में गहरी चिंता जाहिर की है. राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ मिलकर नौसेना ने इस घटना की वजह का पता लगाने और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और पुनर्स्थापना को लेकर जरूरी उपाय करने के लिए एक टीम भेजी है. इससे पहले, पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी हालात का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे.