
लोकसभा सचिवालय ने चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट को रियल शिवसेना के रूप में मान्यता देने के निर्णय के बाद संसद भवन में शिवसेना कार्यालय भी इस गुट को आवंटित कर दिया गया है. शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले द्वारा लिखे गए एक पत्र के जवाब में, लोकसभा सचिवालय ने कहा कि संसद भवन में शिवसेना कार्यालय के लिए नामित कमरा पार्टी को आवंटित कर दिया गया है.
चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते शिंदे गुट को मूल शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी. इसे चुनावों में "धनुष और तीर" चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति भी दी गई थी. इसके बाद 18 फरवरी को शेवाले ने लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखकर पार्टी के लिए कार्यालय आवंटित करने की मांग की थी. अभी तक दोनों गुट संसद भवन स्थित शिवसेना कार्यालय का इस्तेमाल कर रहे थे.
शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को देने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ आज उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. उन्होंने अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई की गुजारिश की. उनकी मांग पर सीजेआई ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि याचिका को अर्जेंट मेंशन करने की एक प्रक्रिया है, जिसका पालन किया जाना चाहिए.
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने SC में चुनाव आयोग के आदेश का उल्लेख किया. इस पर CJI ने कहा कि अर्जेंट मैटर के मेंशन का सिस्टम बनाया गया है. सबको उसे मानना पड़ेगा. इसलिए उन्हें कल आना चाहिए. दरअसल, यह याचिका मेंशनिंग लिस्ट में नहीं थी. इसलिए कोर्ट ने इसे कल मेंशन करने के लिए कहा. द्धव ठाकरे गुट ने निर्वाचन आयोग के आदेश को दोषपूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस पर स्टे लगाने की गुहार लगाई है.