
डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों और उनके परिवारों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज किया है. वहीं, खुद पर लगाए गए आरोपों पर कोच महावीर प्रसाद बिश्नोई ने गुरुवार को कहा कि अगर वह दोषी साबित होते हैं तो वह फांसी पर चढ़ने को तैयार हैं. विनेश फोगट और बजरंग पुनिया ने हाल ही में मीडिया से बातचीत करते हुए दावा किया कि था कि बिश्नोई और हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश ने न केवल पीड़ितों को धमकी दी बल्कि उन्हें "चुप रहने" के लिए रिश्वत की पेशकश भी की थी.
बिश्नोई ने कहा, 'आप मेरे कॉल रिकॉर्ड और मेरी जांच कर सकते हैं. इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. मैं यह भी नहीं जानता कि पीड़ित कौन हैं. अगर यह साबित हो जाता है कि मैंने धमकी भरे फोन किए थे, तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं.'
महावीर प्रसाद ने कहा, 'जब विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ तो तब मैं अपने परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए हिसार गया हुआ था. मैं कैसे जाकर पीड़ित परिवार से मिल सकता था. मुझे यकीन है कि प्रदर्शन स्थल पर कोई पहलवानों को गलत जानकारी दे रहा है. ये पहलवान मुझे सालों से जानते हैं.अगर कोई उनसे मेरा नाम लेने को कहता है तो उन्हें बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय मुझसे बात करनी चाहिए थी.'
बिश्नोई ने कहा कि उनका किसी के प्रति कोई गलत इरादा नहीं है और उन्हें इसमें जबरन घसीटा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने विरोध स्थल पर पहलवानों के पक्ष में नहीं खड़े होने का फैसला किया. बिश्नोई ने कहा, 'बजरंग ने मुझे कॉल किया और उनके प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया. मैंने इनकार करते हुए कहा कि मैं तटस्थ रहना चाहता हूं. कुश्ती के अपने जुनून के लिए मैंने अपनी CISF की नौकरी छोड़ दी और पहलवानों को तैयार करने में मदद करने के लिए राष्ट्रीय शिविर में शामिल हो गया.'
'मैंने सोनीपत में SAI केंद्र में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NCOE) में ग्रीको रोमन कोच के रूप में परिणाम दिए हैं. मैं वहां 16 महीने रहा. मुझे नहीं पता कि वे इस मामले में मुझे क्यों घसीट रहे हैं.' यहां गौर करने वाली बात ये है कि कि साई ने हाल ही में बिश्नोई को राष्ट्रीय शिविर के लिए बुलाया था, लेकिन सोनीपत पहुंचने के एक दिन बाद उन्हें जाने के लिए कह दिया गया था.
इस घटना का जिक्र करते हुए बिश्नोई ने कहा, 'साई ने जनवरी में राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने वाले कोचों की एक सूची जारी की थी. मैं 17 जनवरी को शिविर में शामिल हुआ था और मुझे एक कमरा भी आवंटित किया गया था लेकिन साई ने अगले दिन एक नई सूची बनाई और बिना कोई कारण बताए मेरा नाम हटा दिया गया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मेरे वेतन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है क्योंकि मेरे अनुबंध का नवीनीकरण होना है. लेकिन फिर आपने मेरा नाम कोचों की सूची में पहले स्थान पर क्यों रखा?'
बिश्नोई ने कहा कि राष्ट्रीय शिविर से उन्हें हटाए जाने के बाद वह अपमानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कुछ ईर्ष्यालु लोगों ने उन्हें निशाना बनाया और उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया लेकिन सीआईएसएफ की आंतरिक जांच में वह पाक साफ निकले.
बजरंग पूनिया ने आजतक से कहा कि हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि WFI के सदस्यों ने हमारे शिकायतकर्ताओं से संपर्क किया, पैसे का ऑफर दिया है. इंडिया टुडे से बातचीत में विनेश फोगाट ने कहा कि यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वालों को धमकी भरे कॉल आ रहे हैं, उन्हें लालच दिया जा रहा है, पैसे का ऑफर दिया जा रहा है. हमें तोडऩे के लिए सभी हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.