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कैश फॉर क्वेरी विवादः महुआ मोइत्रा का एथिक्स कमेटी से सवाल- हीरानंदानी का हलफनामा कैसे लीक हुआ?

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर आरोप लगाए थे कि वह पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछती हैं. दुबे ने ये आरोप लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखी चिट्ठी में लगाए थे. उन्होंने ये दावा एडवोकेट जय अनंत देहदरई की रिसर्च के हवाले से किया था.

महुआ मोइत्रा महुआ मोइत्रा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोपों पर घिरीं महुआ मोइत्रा को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश होना पड़ सकता है. 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि महुआ मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछे थे. दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर कहा था कि महुआ मोइत्रा ने संसद में अब तक 61 सवाल पूछे हैं, जिनमें से 50 अडानी ग्रुप से जुड़े थे.

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लोकसभा एथिक्स समिति के चेयरमैन ने क्या कहा?

लोकसभा एथिक्स समिति के चेयरमैन विनोद सोनकर ने बताया कि उन्हें टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की चिट्ठी मिली है. इस मामले पर 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी. इस दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहरदई के बयानों के बाद ही महुआ को समन करने का फैसला लिया जाएगा. 

सोनकर के बयान पर महुआ ने कहा कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी के चेयरमैन सार्वजनिक तौर पर मीडिया से बात करते हैं. सबसे पहले कृपया लोकसभा के नियमों को पढ़ें. हीरानंदानी का हलफनामा मीडिया में कैसे लीक हो गया? चेयरमैन को सबसे पहले हलफनामे के लीक होने की जांच करनी चाहिए. 

महुआ ने कहा कि बीजेपी का एजेंडा मुझे लोकसभा से निष्कासित कराना है ताकि मुझे अडानी मामले पर चुप कराया जा सके.

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क्या हैं आरोप?

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर आरोप लगाए थे कि वह पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछती हैं. दुबे ने ये आरोप लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखी चिट्ठी में लगाए थे. उन्होंने ये दावा एडवोकेट जय अनंत देहदरई की रिसर्च के हवाले से किया. दुबे की शिकायत पर बिरला ने इस मामले को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास भेज दिया था. 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि मोइत्रा ने ऐसे सवाल पूछकर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के हितों की रक्षा कर आपराधिक साजिश रची है. निशिकांत दुबे ने ये दावा एडवोकेट जय अनंत देहरदई की रिसर्च के आधार पर किया था.

इतना ही नहीं, दुबे ने ये सवाल उठाया था कि इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि क्या महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी और हीरानंदानी ग्रुप को लोकसभा वेबसाइट के लिए अपने लॉगइन क्रेडेंशियल दिए थे? ताकि वो इसका इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए कर सकें. 

इस चिट्ठी पर संज्ञान लेते हुए स्पीकर ओम बिरला मामले को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास भेज दिया था. इस बीच एथिक्स कमेटी को दिया गया हीरानंदानी का एफिडेविट भी सामने आ गया है. इस हलफनामे में हीरानंदानी ने कबूल किया है कि महुआ ने उनके साथ अपनी संसदीय लॉग इन आईडी और पासवर्ड शेयर किया था, जिससे वो (हीरानंदानी) महुआ की तरफ से सवाल कर सकें.

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