
तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा को कथित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम उल्लंघन मामले में (ED) प्रवर्तन निदेशालय ने 19 फरवरी को तलब किया है. 49 वर्षीय राजनेता को 19 फरवरी को दिल्ली में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उनके बयान दर्ज करने के बाद विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया जाएगा.
CBI भी कर रही है मोइत्रा की जांच
मोइत्रा की जांच सीबीआई भी कर रही है और वह लोकपाल के संदर्भ पर मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की प्रारंभिक जांच कर रही है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के कहने पर अडानी ग्रुप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. उन्होंने मोइत्रा पर आर्थिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया था. दिसंबर में इस मुद्दे पर मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था.
मुझे निशाना बनाया जा रहा हैः महुआ मोइत्रा
मोइत्रा ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अडानी समूह के सौदों पर सवाल उठाए थे. बता दें कि दिसंबर 2023 में महुआ को संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था. इसके बाद उन्हें सरकारी बंगला तुरंत खाली करने को कहा गया था. इस संबंध में संपदा निदेशालय ने उन्हें आदेश जारी किया था.
महुआ मोइत्रा ने CBI को भेजा जवाब
बता दें कि, टीएमसी नेता और पूर्व लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई को अपना जवाब भेज दिया है. सीबीआई महुआ मोइत्रा द्वारा एजेंसी को भेजे गए जवाबों की जांच कर रही है. इसके बाद सीबीआई लोकपाल को एक रिपोर्ट भेजेगी. लोकपाल ने ही इस मामले को जांच के लिए एजेंसी को भेजा था. एजेंसी मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों की प्रारंभिक जांच कर रही है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार सीबीआई ने इस मसले पर पूछताछ के सिलसिले में वकील जय देहाद्राई और बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से भी बात की है.
निशिकांत दुबे ने लगाए थे ये आरोप
भाजपा नेता और लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. निशिकांत दुबे ने टीएमसी नेता मोइत्रा पर हीरानंदानी के इशारे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी समूह को निशाना बनाने के लिए सदन में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. इसके अलावा उन्होंने मोइत्रा पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया था.