
महुआ मोइत्रा ने अपने कार्यालय और आवास की सीबीआई द्वारा तलाशी के बाद ईसीआई को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने इस तलाशी अभियान को अवैध बताया है. उन्होंने ईसीआई से अपील की है कि आचार संहिता की अवधि में केंद्रीय जांच एजेंसियों के आचरण की जांच के लिए उचित दिशानिर्देश जारी करने के लिए कहें. एमसीसी के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक रूप से उजागर लोगों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने के लिए एजेंसियों को उचित आदेश जारी करें.
बता दें कि TMC नेता महुआ मोइत्रा से जुड़े कई ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है. यह कार्रवाई 'पैसे लेकर सवाल पूछने' (Cash for Query) से जुड़ा है. जांच एजेंसी ने कोलकाता समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. गुरुवार को उनके खिलाफ CBI ने रेगुलर केस दर्ज किया था. दिल्ली से सीबीआई की एक टीम महुआ के पिता के दक्षिण कोलकाता के अलीपुर इलाके स्थित फ्लैट पर पहुंची थी.
लोकपाल ने 'पैसे लेकर सवाल पूछने' के मामले में CBI को महुआ मोइत्रा के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. लोकपाल ने सीबीआई को निर्देश दिया कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर जांच की जाए. इसके साथ ही लोकपाल ने जांच एजेंसी को छह महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है.
लोकपाल ने अपने आदेश में क्या कहा
लोकपाल ने अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद पूरी जानकारी का सावधानी से मूल्यांकन करने के बाद कोई संदेह नहीं रह जाता है कि महुआ के खिलाफ लगाए गए आरोप, जिनमें से अधिकांश में ठोस सबूत हैं, उनके पद को देखते हुए बेहद गंभीर प्रकृति के हैं. इस वजह से हमारी राय में सच को स्थापित करने के लिए गहन जांच जरूरी है. प्रासंगिक समय पर आरपीएस (प्रतिवादी लोक सेवक) की स्थिति को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि एक लोक सेवक अपने पद पर रहने के दौरान कर्तव्यों के निर्वहन में ईमानदारी बरतें.