
मशहूर मलयालम उपन्यासकार केआर मीरा (KR Meera) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की आलोचना करते हुए एक पोस्ट लिखकर विवाद खड़ा कर दिया. मीरा ने कांग्रेस पर पिछले 75 सालों से 'भारत से गांधीवाद और गांधी की आत्मा को मिटाने' की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
उनका बयान हिंदू महासभा द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को सम्मानित करने और गांधी की हत्या का जश्न मनाने के बारे में साझा की गई एक खबर के साथ आया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हिंदू महासभा ने एक बैठक में ऐलान किया था कि गांधी की आत्मा और गांधीवाद को भारत से मिटा दिया जाएगा.
केआर मीरा फेसबुक पोस्ट में लिखा, "कांग्रेसी इसे पचहत्तर साल से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं, वे ऐसा नहीं कर पाए. उसके बाद सिर्फ हिंदू सभा ही बची."
कांग्रेस समर्थकों और अन्य लोगों ने इस पोस्ट की तीखी आलोचना की और इस बयान को 'तथ्यहीन' और 'क्रूर' करार दिया.
कांग्रेस नेता ने किया पलटवार
कांग्रेस विधायक टी सिद्दीकी ने मीरा की पोस्ट पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा, "आपमें कथा लेखन की अद्भुत प्रतिभा है. इस पोस्ट में भी वह प्रतिभा देखी जा सकती है."
मीरा ने जवाब देते हुए कहा कि उनकी पोस्ट गुस्से में लिखी गई थी. उन्होंने आगे कहा कि ऐसी कई रिपोर्ट मौजूद हैं, जिनमें कांग्रेस नेताओं ने इस तरह के बयान दिए हैं, जैसे कि, “गांधीवाद की बात करते रहने से कोई खाना नहीं खरीद सकता”, “गांधीवाद की बात करते रहना बेकार है” और “अगर आप उन्हें मारेंगे, तो वे जवाबी हमला करेंगे.”
के.आर. मीरा मलयालम साहित्य की एक मशहूर हस्ती हैं, जिन्हें उनके उपन्यास आराचर (Aarachar) के लिए जाना जाता है. उनके हालिया बयानों से सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ गई है, जिसमें कई लोगों ने उनके दावों पर तथ्यात्मक तरीके सेसवाल उठाए हैं. वहीं, कुछ लोग उनके बचाव में भी उतर आए और उनके विचार व्यक्त करने के अधिकार का हवाला दिया है.